जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की महत्वपूर्ण लंबित रेल परियोजनाओं पर नीति आयोग का ध्यान आकृष्ट करते हुए विशेष रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत राज्य द्वारा तथा समस्त परियोजना लागत केन्द्र द्वारा वहन करने की मांग की है। गहलोत ने नयी दिल्ली में आज नीति आयोग की गवर्निंग काउन्सिल की पांचवीं बैठक में कहा कि इसी आधार पर रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल लाइन परियोजना का कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने धौलपुर-सरमथुरा के बीच गंगापुर सिटी तक विस्तार के साथ ब्रॉडगेज लाइन तथा अजमेर से सवाई माधोपुर वाया टोंक रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध किया। गहलोत ने आयुष्मान योजना में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि वर्तमान में राज्य में संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एनएफएसए में पात्र करीब एक करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है।
जबकि आयुष्मान भारत योजना में वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के अनुसार राजस्थान के केवल 59 लाख 71 हजार परिवारों को ही लाभ मिल सकेगा। ऐसी स्थिति में करीब 40 लाख परिवार स्वास्थ्य बीमा से वंचित हो जाएंगे। उन्होंने केन्द्र सरकार से इन शेष परिवारों का ध्यान रखते हुए सामाजिक-आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के मापदंडों की बजाय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में पात्र परिवारों को योजना की परिधि में शामिल करने की मांग की। बैठक में गहलोत ने राज्य की महत्वपूर्ण उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कानून बनाया है जिसमें एमएसएमई इकाइयों को तीन वर्ष तक राज्य के कानून में किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। केन्द्र सरकार को इसी तर्ज पर केन्द्रीय कानूनों में उद्यमियों को छूट देनी चाहिए। बैठक में मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता भी मौजूद थे।