नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वीरचंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में घोटाले के मामले में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार और तत्कालीन पर्यटन मंत्री मदन कौशिक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। अदालत ने 12 अन्य लोगों को भी नोटिस जारी किया है जिन्होंने योजना का लाभ गैर कानूनी तरीके से लिया है। याचिकाकर्ता हरिद्वार निवासी सतीश चंद्र शर्मा ने इस मामले में न्यायालय में याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने बताया कि यह मामला 2007 से 2012 के बीच का है। तब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और वर्तमान कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक पर्यटन मंत्री थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं सतत रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये वीरचंद्र सिंह गढ़वाली योजना संचालित की जाती है। इसके तहत शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिये सब्सिडी दर पर ऋण मुहैया कराया जाता है। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2007 से 2012 के बीच मानकों के विरुद्ध अपात्र लोगों को भी ऋण मुहैया कराया गया है।
उन्होंने बताया कि अकेले हरिद्वार जिले में ही ऐसे 12 लोगों को ऋण उपलब्ध कराया गया है जो इसके पात्र नहीं थे। उन्होंने ऐसे लोगों की सूची भी अदालत को सौंपी है। अदालत ने इन सभी लोगों को भी नोटिस जारी कर दिया है। सभी को चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया है कि प्रदेश के सभी जिलों में योजना संचालित की जाती है और सभी जिलों की जांच करवायी जाए। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से यह भी मांग की गयी कि ऐसे लोगों से धन की वसूली के भी निर्देश दिये जायें।