देहरादून। उत्तराखंड के वित्त वर्ष 2019-20 के बजट को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घोर निराशाजनक करार देते हुए इसे उत्तराखण्डियत के विरुद्ध बताया। रावत ने यहां संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि बजट में कृषि, रोजगार, महिला सशक्तिकरण किसी भी विषय पर उचित ध्यान नहीं रखा गया। यहां तक कि केंद्र सहायतित सिंचाई योजना और चिकित्सकीय विद्यालयों के लिए भी पर्याप्त राशि नहीं मांगी गई।
रावत ने कहा कि इसमें ना उत्तराखंड है, ना उत्तराखण्डियत है और ना ही खैरासैंड है, सब कुछ नदारद है। जबकि वित्त मंत्री का बजट भाषण भी वर्ष 2017-18 का पूरा का पूरा कॉपी किया हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारी योजनाओं के नाम परिवर्तित कर दिए गए और तो और राज्य के विकास की अनेक योजनाओं को बंद कर दी गईं। उन्होंने कहा कि जब हम सत्ता में थे, उस समय राज्य में पंजीकृत बेरोजगारी 2.5 प्रतिशत थी, जबकि इस बजट में यह नौ प्रतिशत है, इससे स्पष्ट है कि पिछले दो वर्षों में राज्य में रोजगार की स्थित कितनी भयावह है।