नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ खेलों में रेसलिंग भारत के लिए हमेशा से ही मेडल जीताने वाला इवेंट रहा है। कनाडा के बाद इन खेलों में भारत ने ही सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं। कॉमनवेल्थ खेलों में भारत ने कुल 90 मेडल जीते हैं जिनमें से 38 गोल्ड मेडल हैं । आॅस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित हो रहे कॉमनवेल्थ खेलों में भी भारत को रेसलिंग में ही मेडल्स की उम्मीद है लेकिन इस बार हालात थोड़े जुदा नजर रहे हैं।
इन खेलों में 12 अप्रेल से शुरू हो रहे रेसलिंग के इवेंट्स से बस दो दिन पहले ही भारतीय रेसलिंग का दल गोल्ड कोस्ट पहुंच सकेगा।
भारतीय रेसलिंग फेडरेशन तमाम कोशिशों के बावजूद भारतीय रेसलर्स को इसने बड़े कंपटीशन से पहले आॅस्ट्रेलिया पहुंचकर ट्रेनिंग करवाने और वहीं के माहौल में ढलने का इंतजाम नहीं करवा सकी है। दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार अपने खर्चे पर ट्रेनिंग के लिए जॉर्जिया रवाना हो रहे हैं। सुशील कुमार की ही तरह कुछ और रेसलर्स भी इस आयोजन से पहले ऐसी ही ट्रेनिंग चाहते थे लेकिन रेसलिंग फेडरपेशन उसका इंतजाम नहीं कर सकी।एथलेटिक्स और बॉक्सिंग फेडरेशन ने अपने एथलीट्स को पहले ही आॅस्ट्रेलिया रवाना कर दिया है।