नई दिल्ली। भारतीय पैरालिंपिक समिति (पीसीआई) ने महिला तैराकों का वीडियो बनाने के आरोप में अर्जुन अवॉर्ड विजेता और पैरालिंपिक तैराक तथा कोच प्रशांत करमाकर को तीन साल के लिए निलंबित कर दिया है। प्रशांत पर पिछले साल जयपुर में 16वीं राष्ट्रीय तैराकी चैम्पियनशिप के दौरान महिला तैराकों का वीडियो बनाने और मारपीट करने का आरोप है। अभिवावकों की शिकायत के बाद पीसीआई ने यह कार्रवाई की है।
अभिभावकों की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैम्पियनशिप जयपुर में पिछले साल 31 मार्च से 3 अप्रैल तक हुई थी। पीसीआई ने अपनी जांच में पाया गया कि प्रशांत ने अपने सहयोगी को महिला तैराकों का वीडियो बनाने को कहा था। उसने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस पर तैराकों के अभिभावकों का ध्यान गया और उन्होंने इसकी शिकायत की। फिर जब उस व्यक्ति से पूछा गया तो उसने कहा कि वह प्रशांत के कहने पर वीडियो बना रहा था। पीसीआई ने बताया कि प्रशांत के खिलाफ कार्रर्वाई अभिभावकों की लिखित शिकायत के बाद की गई है।
आचार संहिता उल्लंघन में पाया गया दोषी
इस अर्जुन पुरस्कार विजेता तैराक को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। पीसीआई ने बताया कि उन्होंने अपने एक साथी को कैमरा देकर चैम्पियनशिप के दौरान महिला तैराकों की वीडियो फिल्म बनाने को कहा था। महिला तैराकों के माता-पिता ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। जब पैरा स्वीमिंग के अध्यक्ष डॉ. वीके डबास ने वीडियो फिल्म बना रहे व्यक्ति से पूछताछ की तो उसने कहा कि कैमरा उसे प्रशांत ने दिया था।
पीसीआई ने बताया कि उस व्यक्ति को तो रोक दिया गया, लेकिन फिर यही शिकायत मिली और इस बार प्रशांत खुद ट्रॉयपाड पर कैमरा रखकर महिला तैराकों की वीडियो बना रहे थे। जब प्रशांत कर्माकर से वीडियो नष्ट करने को कहा गया तो उन्होंने ना केवल ऐसा करने से मना कर दिया, बल्कि यह भी कहा कि उनके आदमी को वीडियो बनाने से क्यों रोका क्यो गया। उन्होंने वीडियो नष्ट करने से भी इनकार कर दिया। पीसीआई ने पुलिस बुलाई, जिसने उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रशांत के वीडियो और फोटो नष्ट करने के लिए सहमत होने के बाद उन्हें छोड़ा गया।
जीत चुके हैं कई अवॉर्ड
अर्जुन अवॉर्ड विजेता करमाकर अपने तैराकी कॅरियर में कई अवॉर्ड जीत चुके हैं। उन्हें 2015 में मेजर ध्यानचंद अवॉर्ड से और 2014 में भीम अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें 2009 और 2011 में स्वीमर आॅफ द इयर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। करमाकर के नाम ऐसे पहले दिव्यांग भारतीय स्वीमर होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है, जिसने विश्व स्वीमिंग चैम्पियनशिप में मेडल जीता हो। यह चैम्पियनशिप अर्जेंटीना में हुई थी।
देश के लिए कई मेडल भी जीते
इसके अलावा करमाकर ने देश के लिए कई मेडल भी जीते हैं। लगभग एक दशक तक देश के मुख्य पैरा स्वीमर रहे करमाकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 37 मेडल जीते हैं। 2016 में रियो में हुए पैरालिंपिक गेम्स में करमाकर को भारत की पैरा स्वीमिंग टीम का कोच भी बनाया गया था। करमाकर ने 2006, 2010 और 2014 में एशियन गेम्स में भी मेडल जीता है। 50 मीटर बटरफ्लाई, 50 मीटर ब्रेकस्ट्रोक और 50 मीटर बैकस्ट्रोक में पैरा स्वीमिंग में एशियन रिकॉर्ड भी करमाकर के ही नाम हैं।