नई दिल्ली। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने कोई विकल्प नहीं बचे रहने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर भारतीय कुश्ती महासंघ को चयन ट्रायल करवाने का निर्देश देने की अपील की जिससे यह तय हो सके कि पुरूष वर्ग के 74 किग्रा फ्रीस्टाइल में रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।
सूत्रों ने दावा किया कि हाई कोर्ट कल इस मामले की सुनवाई कर सकता है। सुशील के करीबी सूत्र ने कहा हमारे पास अदालत जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि सुशील ट्रायल में शामिल होने का मौका चाहता है रियो के अभ्यास शिविर के लिये भारतीय खिलाड़ियों में सुशील का नाम शामिल नहीं है।
इसके अलावा सुशील को एक और झटका तब लगा जब खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रियो ओलंपिक के चयन में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह मसला डब्ल्यूएफआई को सुलझाना है। डब्ल्यूएफआई 74 किग्रा में ट्रायल करवाने के पक्ष में नहीं है जिससे यह तय होगा
कि सुशील और नरसिंह पंचम यादव में से कौन रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। पूर्व विश्व चैंपियन सुशील ने यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय में भी पहुंचाया लेकिन उन्हें अभी तक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने इसके साथ ही खेल मंत्री, भारतीय ओलंपिक संघ, डब्ल्यूएफआई और प्रशंसकों से भी अपील की।