नई दिल्ली। ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल के पांचवें दिन मंगलवार को ट्रेड-इंडस्ट्री की सप्लाई पर असर साफ दिखा। ट्रकों की एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही में तेजी से गिरावट आ रही है और हड़ताली संगठनों का दावा है कि करीब 80 फीसदी ट्रक सड़कों से हट चुके हैं। देशभर के कई उद्योग संगठनों ने सरकार पर इसके लिए दबाव डालना शुरू कर दिया है कि वह गतिरोध दूर करने की पहल करे। ट्रांसपोर्टर्स और सरकार के बीच मंगलवार को अनौपचारिक बातचीत की खबरें भी मिलीं, लेकिन अब भी किसी ठोस स्तर की सहमति नहीं बन पाई है।
आॅल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के प्रेजिडेंट एस के मित्तल ने बताया देशभर में ट्रकों का परिचालन ठप है और ट्रांसपोर्टर्स के प्रति दूसरे उद्योगों का समर्थन भी बढ़ रहा है। सरकार ने भी बातचीत की अनौपचारिक पहल की है, लेकिन अभी चर्चा के बिंदुओं पर कोई सहमति कायम नहीं हो पाई है। 19 जुलाई को ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने जो आश्वासन दिए थे, अब भी उन्हीं पर गोलमोल आश्वासन आ रहे हैं। हालांकि सरकार का रुझान अब कुछ सकारात्मक लग रहा है।
एआईएमटीसी सूत्रों ने बताया कि वित्त और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के कई अधिकारियों ने टोल, परमिट, फिटनेस, ईवे बिल में किए जा रहे सुधारों से वाकिफ कराया है, लेकिन अभी तक कुछ निर्णायक हासिल होता नहीं दिख रहा है। दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट आॅर्गनाइजेशन के प्रेजिडेंट राजेंद्र कपूर ने कहा कि इंटरस्टेट आवाजाही लगभग थम चुकी है। ट्रेड-इंडस्ट्री में न तो कच्चा माल आ रहा है और न ही फिनिश्ड माल की निकासी हो पा रही है। ट्रांसपोर्ट संगठनों के मुताबिक इंटरस्टेट सप्लाई 60-70 पर्सेंट गिर गई है, जबकि राजमार्गों के टोल प्लाजा रिकॉर्ड बताते हैं कि अब भी आधे से ज्यादा ट्रक चल रहे हैं। मंगलवार को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई पर भी असर दिखा और इनकी कीमतें भी बढ़ने लगी हैं।
आज इंदौर बाजार भी बंद
आल इंडिया मोटर ट्रांसर्पोट के आव्हान पर अनिश्चितकालीन चक्काजाम को 26 जुलाई गुरुवार को इंदौर बाजार सियागंज किराना बाजार, अनाज मंडी, लोहा मंडी, बर्तन बाजार, दवा बाजार, रेडिमेड बाजार, दाल मिल एसोसिएशन, टीम्बर मार्केट द्वारा स्वेच्छिक बंद करके समर्थन देने की घोषणा की है।
हड़ताल जारी रहने से मच सकती है उथलपुथल
दिल्ली फैक्टरी ओनर्स फेडरेशन, चैंबर आॅफ ट्रेड इंडस्ट्री, अपेक्स चैंबर आॅफ कॉमर्स इंडस्ट्री सहित कई संगठनों ने ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर को आगाह किया है कि हड़ताल जारी रही तो ट्रेड-इंडस्ट्री में उथलपुथल मच सकती है। गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के शीर्ष उद्योग संगठनों ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि माल की आवाजाही प्रभावित होने से वे एक्सपोर्ट आॅर्डर पूरा नहीं कर पा रहे हैं और अब हालात बदतर होंगे। खाद्य सामग्री के हड़ताल से बाहर रखने के चलते इनकी आवक हो रही है, लेकिन ट्रकों की किल्लत से इनका किराया और दाम भी बढ़ने लगा है। दिल्ली की मंडियों में प्याज और आलू की सप्लाई पर असर बताया जा रहा है, हालांकि एपीएमसी अधिकारी महंगाई से इनकार कर रहे हैं।