नई दिल्ली। देश में हर साल कुल पैदावार का 25-30 प्रतिशत खाद्य व कृषि उत्पाद बर्बाद हो जाते हैं। इससे देश और किसानों को करीब 14 अरब डालर का नुकसान उठाना पड़ता है। इसे कम करने के लिए सरकार तो विभिन्न कदम उठा रही है लेकिन कैश एंड कैरी यानी थोक कारोबार से जुड़ी वालमार्ट इंडिया ने भी इसके लिए प्रयास शुरू किए हैं। कंपनी को उम्मीद है कि इन प्रयासों से अगले दस वर्षों में खाद्य उत्पादों की बबार्दी में एक से सवा अरब डालर की कमी की जा सकेगी।
अनुमान के मुताबिक इसी स्तर पर प्रत्येक वर्ष पांच अरब डालर मूल्य के उत्पाद खराब हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त उचित भंडारण के अभाव में करीब तीन अरब डालर की बबार्दी होती है। फिर हैंडलिंग और खपत के स्तर पर भी तीन-तीन अरब डालर मूल्य के उत्पाद बेकार चले जाते हैं। हालांकि सरकार इस बर्बादी को रोकने की दिशा में कुछ प्रयास शुरू किए हैं। इनमें देश भर में 42 मेगा फूड पार्कों का निर्माण और करीब 101 कोल्ड चेन के निर्माण की इजाजत शामिल है।
वालमार्ट इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रजनीश कुमार मानते हैं कि खाद्य उत्पादों की इस बबार्दी को रोककर न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि किसानों की वित्तीय सेहत में सुधार किया जा सकता है। वालमार्ट का कहना है कि कंपनी ग्राहकों के कंजप्शन बिहेवियर को जानने के आधुनिकतम तरीकों को विकसित करने के काम में जुटी है। इसके लिए कंपनी ने अतिरिक्त निवेश करने का भी फैसला लिया है। साथ ही सप्लाई चेन का भी विस्तार किया जाएगा। इनमें कोल्ड चेन का निर्माण भी शामिल है।