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तेल भंडारण बढ़ाने के लिए सरकार ने दो नए केंद्र को दी मंजूरी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 29 2018 4:27PM | Updated Date: Jun 29 2018 4:28PM
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नई दिल्ली। गल्फ वॉर के दौरान भारत पर ऐसा गंभीर संकट आया था कि भारत के पास सिर्फ 3 दिनों का तेल बचा था। इस युद्ध से भारत में भी तेल की कीमतों पर काफी असर हुआ था। ऐसी स्थिति फिर न हो इसलिए भारत की नजरें अब उन गुफाओं पर हैं जो तेल भंडारण के काम आ सकती हैं। इन गुफाओं को स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व कहते हैं और इनका उद्देश्य सप्लाई शॉक्स और तेल की बाहरी कीमतों से पड़ने वाले प्रभावों को टक्कर देना है। केंद्र सरकार की एक बैठक में तेल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए 2 नई जगहों का चयन किया है।
 
कैबिनेट ने अब 2 नए स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व (एसपीआर) को मंजूरी दे दी है जिनमें से एक ओडिशा के चांदीकोल में बनेगा और दूसरा कर्नाटक के पदुर में। चांदीखोल में 40 लाख अतिरिक्त पेट्रोलियम भंडारण क्षमता विकसित की जाएगी और पदुर भंडारण केंद्र की क्षमता 25 लाख टन होगी। ये दोनों भंडारण केंद्र भूमिगत होंगे। इन केंद्रो के निर्माण से देश में तेल भंडारण की क्षमता अतिरिक्त 12 दिन की हो जाएगी।
 
भारत के पास पहले से ही 4100 करोड़ की लागत से बने 3 अंडरग्राउंड स्टोरेज मौजूद हैं जिनकी क्षमता 5.33 मिलियन टन तेल स्टोर करने की है। इनमें से एक स्टोरेज विशाखापट्नम में हैं जिसमें पहले ही 1.33 एमएमटी तेल भरा हुआ है, वहीं दूसरा मैंगलोर में है जिसमें 1.50 एमएमटी तेल है। तीसरा स्टोरेज कर्नाटक के पादुर में है पर वह अभी भी आॅइल स्टोरेज के इंतजार में है। पहले से बने तेल भंडारण केंद्र में जो तेल जमा है वह केवत 10 दिनों के लिए काफी है। 
 
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