नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की पटरी पर आने का विश्वास व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कहा कि कारोबार की दिक्कतें दूर की जाएंगी और निर्यातकों के साथ पूरा सहयोग होगा। प्रभु ने यहां अपने मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों का विवरण देते हुये एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं। निर्यात में सुधार हो रहा है और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। घरेलू स्तर पर कारोबार संबंधी प्रक्रियाओं को आसान करने से रोजगार के अवसर सृजित किये गये हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्थ जल्दी ही पाँच हजार अरब डॉलर की हो जायेगी। सरकार ने इसके लिए विशेष रणनीति तैयार की है। अगले सात वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी विनिर्माण क्षेत्र से सुनिश्चित की जायेगी। सरकार ने वस्तु एवं सेवा क्षेत्र का निर्यात बढ़ाने की भी योजना बनाई है। अगले कुछ वर्षो में इस क्षेत्र की निर्यात की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी। इसके अलावा सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ गहन चर्चा की गयी है। निर्यात के लिए नये बाजार तलाशे जा रहे हैं।
श्री प्रभु ने कहा कि घरेलू स्तर पर कारोबार आसान बनाने की प्रक्रिया लगातार चल रही है और सरकार ने बहुत से कदम उठाये हैं। निर्यातकों के साथ पूरा सहयोग किया जा रहा है और उनकी हरसंभव मदद की जा रही है। सरकार एक एकीकृत लॉजिस्टिक विभाग का गठन कर रही है, ताकि माल परिवहन की लागत कम की जा सके। विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) नीति का अध्ययन करने के लिए एक समूह का गठन किया है। यह समूह सेज नीति का अध्ययन करेगा और आर्थिक परिदृश्य में निर्यातकों की जरूरतों के मुताबिक सुझाव देगा। इसके अलावा सेज नीति को डब्ल्यूटीओ के अनुकूल बनाया जायेगा।
विभिन्न व्यापारिक अंतर्राष्ट्रीय मंचों और संगठनों का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि सरकार निर्यात बढ़ाने के लिए विभिन्न देशों और वैश्विक मंचों से लगातार संपर्क में है। नये बाजार और नयी वस्तुओं के लिए बाजार तलाशे जा रहे हैं। यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत चल रही है और इसे जल्दी ही तर्कसंगत परिणाम तक पहुँचाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत के हितों को मजबूती से रखा जा रहा है। इसके लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि डब्ल्यूटीओ खाद्य सब्सिडी, ई-कॉमर्स और व्यापार सुविधाओं पर बातचीत जारी है।