नई दिल्ली। उजाला क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाइटी की स्थापना का उद्देश्य ही लोगों में बचत की भावना को प्रेरित करना है और साथ ही साथ यदि आवश्यकता है तो समाज के निम्नतम स्तर के लोगों को वित्तीय सहायता (ऋण) प्रदान करते हुए उनके उद्यमों व व्यवसाय को प्रोत्साहित करने एवं उनके जीवन स्तर में बदलाव लाने का प्रयास करना है। घर-घर में वित्तीय उजाला पहुंचाने के अपने विजन के अनुरूप कार्य करते हुए ‘उजाला’ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों एवं महिलाओं को स्वरोजगारए लघु व्यवसाय, कुटीर व्यवसाय इत्यादि के लिए ऋण प्रदान करता है। उजाला लगभग 40000 सदस्यों तक यह लाभ पहुंचा चुका है।
देश में सबसे निम्न आय स्तर के लोगों में बिना किसी भेदभाव के ऋण व जमाओं में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल होने पर योगेन्द्र पाल कंट्री हेड, उजाला क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसाइटी ने कहा घर-घर में वित्तीय उजाला पहुंचाना हमारा प्रमुख ध्येय है। हम संभवत: देश का पहला संगठन हैं जिन्होंने सिर्फ पांच वर्षों में इतनी बड़ी कामयाबी हासिल की है।
उजाला का मिशन देश के कोने-कोने में समाज के निम्नतम स्तर तक पहुंचाना और उनके उद्यमों का समर्थन करना है जिससे हमारे सदस्यों की आय बढ़ सके और उनके जीवन मानकों में सुधार हो सके। उजाला एकमात्र संगठन है जो सहकारिता की भावनाए नियमों व कानून का पूर्ण पालन करता है। उन्होंने कहा कि लोगों में जमा की आदत का विकास करने में भी उजाला महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस कड़ी में उजाला की रिद्धि सिद्धि योजना खासी प्रचलित है। इस योजना के अंतर्गत 1 से 12 वर्ष तक की बच्चियों के लिए उनके माता-पिता 1000 प्रति महीने जमा कर सकते हैं और यह राशि 8 वर्षों तक जमा करने के बाद उन्हें कुल 147696 रुपए मैच्योरिटी राशि मिलती है। इतना ही नहीं इन आठ वर्षों के दौरान यदि दुर्भाग्यवश जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है तो उजाला इस स्कीम को पूरे 8 वर्ष खुद चलाता है और समयावधि पूर्ण होने पर मैच्योरिटी की पूरी रकम उसके बेटी को प्रदान करता है जिससे कि वह पढ़ सके और आगे बढ़ सके।