नई दिल्ली। सीबीआई ने रोटोमैक बैड लोन केस में पहली चार्जशीट दायर की। सीबीआई ने लखनऊ कोर्ट में विशेष जज के सामने रोटौमैक कंपनी और उसके सीएमडी विक्रम कोठारी और डायरेक्टर राहुल कोठारी के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इस चार्जशीट में सीबीआई ने बैंक आॅफ बड़ौदा के एजीएम/ब्रांच हेड एस के उपाध्याय को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा बैंक आॅफ बड़ौदा के दो और अधिकारियों का भी चार्जशीट में नाम है।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया कि आरोपियों की वजह से बैंक को 456.63 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। चार्जशीट के मुताबिक यह घाटा एक्सपोर्ट पैकिंग क्रेडिट लिमिट और एफएलसी के विकास के दुरुपयोग के चलते हुआ। सीबीआई इससे पहले इस मामले में रोटौमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उसके बेटे राहुल को गिरफ्तार कर चुकी है।
एजेंसी ने 19 फरवरी को रोटोमैन पेन कंपनी और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ धोखाधड़ी और जानबूझकर लोन न चुकाने का मामला दर्ज किया था। विक्रम कोठारी, उनके बेटे राहुल के साथ ही उनकी पत्नी साधाना कोठारी भी रोटोमैक कंपनी की डायरेक्टर हैं। सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ बैंक आॅफ बड़ौदा की अगुवाई वाले 7 बैंको के समूह से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है।
करोड़ो रु का लोन
रोटौमैक ने 5 पीएसयू बैंको से 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन लिया था। बैंक का आरोप है कि पेन बनाने वाली कंपनी ने अपने डायरेक्टर्स के जरिए उनके और अन्य बैंक आपराधियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रच बैंक आॅफ बड़ौदा के साथ 616.69 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। इसमें 456.63 करोड़ रुपये का लोन और 160.06 करोड़ रुपये का बकाया ब्याज शामिल है।
रोटोमैक को लोन देने वाले 7 बैंकों के समूह में बैंक आॅफ इंडिया, बैंक आॅफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक आॅफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, बैंक आॅफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक आॅफ कामर्स शामिल हैं। कुल बकाया राशि लगभग 3695 करोड़ रुपये पहुंच गई है।