नई दिल्ली। देश में हवाई नेटवर्क के विस्तार और सस्ते हवाई टिकट के उपलब्धता के कारण मार्च महीने में हवाई यात्रियों की संख्या 28.03 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड एक करोड़ 15 लाख के पार पहुंच गई। पिछले साल मार्च में घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की संख्या 90 लाख 45 हजार रही थी जो गत मार्च में एक करोड़ 15 लाख 80 हजार पर पहुँच गई। यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मार्च में ए320 निओ विमानों के इंजनों में खराबी के कारण कुछ दिनों के लिए 14 विमानों के परिचालन पर प्रतिबंध लगा रहा था। नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा बुधवार को यहाँ जारी आँकड़ों के अनुसार साल के पहले तीन महीने में जनवरी से मार्च के बीच हवाई यात्रियों की संख्या 23.87 फीसदी बढ़कर तीन करोड़ 37 लाख 90 हजार पर पहुँच गई। पिछले साल जनवरी-मार्च में यह संख्या दो करोड़ 72 लाख 79 हजार रुपये रही थी।
घरेलू मार्गों पर मार्च में भी देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो का दबदबा बना रहा। हालांकि, उसकी बाजार हिस्सेदारी 39.9 प्रतिशत से घटकर 39.5 प्रतिशत रह गयी। पंद्रह प्रतिशत यात्रियों ने अपनी यात्रा के लिए जेट एयरवेज को चुना। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया 13.4 प्रतिशत के साथ तीसरे, किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट 12.7 प्रतिशत के साथ चौथे और गोएयर नौ प्रतिशत के साथ पांचवें स्थान पर रही। भरी सीटों के साथ उड़ान भरने (पीएफएल) के मामले में किफायती विमान सेवा कंपनी इंडिगो का प्रदर्शन एक बार फिर सबसे अच्छा रहा। उसका पीएफएल 95 प्रतिशत रहा। हालाँकि, यह फरवरी में उसके अपने ही प्रदर्शन (96.3 प्रतिशत) की तुलना में कम है।
स्पाइसजेट की मुख्य विपणन एवं राजस्व अधिकारी शिल्पा भाटिया ने कहा भारतीय विमानन बाजार में स्पाइसजेट का पीएफएल लगातार तीसरे साल सबसे ज्यादा रहा है। लगातार 35वें महीने यह 90 प्रतिशत से अधिक रहा है जो विश्व स्तर पर अभूतपूर्व है। हमें इस उपलब्धि पर गर्व है। पीएफएल के मामले में 89 प्रतिशत के साथ इंडिगो दूसरे, 88.2 प्रतिशत के साथ विस्तारा तीसरे और 88 प्रतिशत के साथ गो एयर चौथे स्थान पर रही। एयर इंडिया का पीएफएल 83.6 प्रतिशत दर्ज किया गया।