नई दिल्ली। जीएसटी पोर्टल की तकनीकी खामियों के चलते करदाताओं की मुश्किलें दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से डाटा यानी सूचनाएं न मिलने के कारण निर्यातकों को उनका आइजीएसटी रिफंड समय पर नहीं मिल रहा है। इसके चलते बहुत से निर्यातकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सेंट्रल बोर्ड आॅफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम की अध्यक्ष वनजा एन. सरना के मुताबिक जीएसटीएन सा डेटा न मिल पाने के कारण आइजीएसटी रिफंड के कई दावे लंबित पड़े हैं। जीएसटीएन से डाटा लेने की कोशिशें की जा रही हैं। सरना ने यह बात सीबीआइसी के अधिकारियों को भेजी एक चिट्ठी में कही है। उनका यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जब से जीएसटी लागू हुआ है, जीएसटीएन पोर्टल में कई बार खामियां सामने आई हैं।
बहरहाल इन खामियों के बावजूद सरकार ने निर्यातकों के रिफंड के दावे मंजूर करने की कोशिशें तेज की हैं। सरना के अनुसार सरकार वित्त वर्ष 2018-19 के पहले महीने में अब तक 650 करोड़ रुपये आइजीएसटी रिफंड मंजूर किया जा चुका है। यह राशि 31 मार्च 2018 तक मंजूर की गयी राशि से अतिरिक्त है। हालांकि इन्वॉइस का मिलान न होने और त्रुटियों के चलते अब भी आइजीएसटी के बहुत से रिफंड कस्टम के पास बकाया पड़े हैं। उन्होंने सभी मुख्य आयुक्तों को निर्यातकों के लंबित रिफंड जल्द से जल्द मंजूर कराने के लिए प्रयास करने को भी कहा है।