नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाता कंपनी पवनहंस लिमिटेड उड़ान के दूसरे चरण के तहत आवंटित मार्गों पर सेवा जुलाई-अगस्त में सेवा शुरू करेगी तथा इसके लिए वह लीज पर हेलिकॉप्टर लेने की योजना बना रही है। पवनहंस के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बी.पी. शर्मा ने बताया कि उड़ान के तहत कंपनी को उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, असम और मणिपुर में मार्गों का आवंटन किया गया है। कंपनी इस योजना के तहत पहली सेवा जुलाई-अगस्त में शुरू करने की उम्मीद करती है। एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने बताया कि अभी उड़ान की सेवाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का काम चल रहा है। उन्होंने कहा निश्चित रूप से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जायेगा। हेलिपोर्ट तैयार करने और उनके परिचालन का काम राज्य सरकारें कर रही हैं।
पवनहंस इसमें तकनीकी सलाह प्रदान कर रहा है। क्षेत्रीय संपर्क योजना यानी 'उड़ान' (उड़े देश का आम नागरिक) छोटे तथा मझौले शहरों और दूरस्थ इलाकों में हवाई संपर्क बढ़ाने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत सरकार ने दूरी के हिसाब से (हेलिकॉप्टर के मामले में समय के हिसाब से) अधिकतम किराया तय कर दिया है। इस कारण सेवा प्रदाता को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए वॉयेबिलिटी गैप फंंिडग (वीजीएफ) का प्रावधान है। आधे घंटे की हेलिकॉप्टर की फ्लाइट के लिए अधिकतम किराया 2,500 रुपये तय किया गया है। शर्मा ने कहा कि आरंभ में कंपनी के मौजूदा बेड़े से हेलिकॉप्टरों को सेवा में लगाया जायेगा, लेकिन सभी मार्गों पर सेवा शुरू करने के लिए और आठ हेलिकॉप्टरों की जरूरत होगी।
उन्होंने बताया कि ये हेलिकॉप्टर लीज पर लिये जायेंगे जिनके लिए वैश्विक निविदा की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है। अतिरिक्त मानव संसाधनों की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसके लिए कंपनी आउटसोर्स कर रही है। 'उड़ान' के पहले चरण में कम वीजीएफ होने के कारण हेलिकॉप्टर सेवा प्रदाताओं ने बोली नहीं लगायी थी। दूसरे चरण में सरकार ने हेलिकॉप्टरों के लिए वीजीएफ बढ़ा दिया था। इससे दूसरे चरण में हेलिकॉप्टरों के लिए 23 प्रस्ताव आये जिनमें सात हवाई अड्डों और 24 हेलिपोर्टों से सेवा शुरू करने की मंजूरी दी गयी।