नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को 10 मई तक दो किस्तों में 200 करोड़ रुपए जमा कराने का बुधवार को आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने जेपी को 15 अप्रैल तक 100 करोड़ रुपए और इतनी ही राशि 10 मई तक जमा कराने को कहा है। पीठ ने यह भी कहा कि रिफंड का विकल्प चुनने वाले मकान खरीददारों को रियल एस्टेट कंपनी की ओर से ईएमआई भुगतान में त्रुटि का कोई नोटिस न भेजा जाये। उच्चतम न्यायालय ने जेएएल से कहा कि वह रिफंड पाने के इच्छुक सभी मकान खरीदारों का परियोजना-दर-परियोजना चार्ट जमा करें, ताकि उन्हें आनुपातिक आधार पर पैसे वापस किया जा सके। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, 'अभी हम रिफंड को लेकर चिंतित हैं,जो मकान खरीदार फ्लैट चाहते हैं उनके मुद्दों पर बाद में बात करेंगे। कंपनी ने अदालत को यह भी बताया कि उसे 2017-18 में अभी तक 13,500 फ्लैटों के लिए कब्जा प्रमाणपत्र मिले हैं। गौरतलब है कि रियल एस्टेट कंपनी ने गत 25 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष 125 करोड़ रुपए जमा कराये थे। न्यायालय ने मामले की सुनवाई 16 अप्रैल तक मुल्तवी कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अगली सुनवाई को यह जानना चाहेगी जेएएल ने 15 अप्रैल तक पहली किस्त की रकम (100 करोड़ रुपये) जमा करायी है या नहीं।