नई दिल्ली। कर अनुपालन प्लेटफार्म क्लिअरटैक्स ने ई-वे बिल साफ्टवेयर लॉन्च किया है, जो किसी भी ईआरपी सिस्टम के साथ एकीकृत होकर काम कर सकता है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि इसके उपयोगकर्ता अनगिनत इनवॉइस अपलोड कर सकते हैं और ई-वे बिल के भाग-बी को आॅटो-इनपुट कर सकते हैं। बिल के भाग-बी को अपडेट करने पर ई-वे बिल की वैधता प्रारंभ होती है। यह सॉफ्टवेयर शून्य डुप्लीसिटी को सुनिश्चित करने के लिए ई-वे बिल की जानकारी को सत्यापित करता है। वैधता समाप्त होने पर एक सिंगल क्लिक से ई-वे बिल को फिर से बनाया जा सकता है या वैधता बढ़ाई जा सकती है। यह सॉफ्टवेयर त्रुटि होने की स्थिति में रीयल-टाइम में उपयोगकर्ता को इसके बारे में अवगत करता है और लंबित, अवैध ई-वे बिल के बारे में भी बताता है।
क्लिअरटैक्स ईवेबिल के माध्यम से एक मिनट में लगभग 300 ई-वे बिल जनरेट किये जा सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर तब मासिक जीएसटी रिटर्न तैयार करता है जब जीएसटी और ई-वे बिल डाटा में कोई अंतर न रहे। कंपनी का कहना है कि व्यापार के आकार पर गौर किये बगैर एक स्वचालित ई-वे बिल सिस्टम का होना अनुपालन को तेज और सुचारू बना सकता है। कुशल तकनीक के बिना ई-वे बिल के अनुपालन को मैनेज करना कुछ उद्योगों के लिए दिक्कत भरा हो सकता है।