नई दिल्ली। मोबाइल से लेनदेन को खाताधारकों की आवाज की पहचान के जरिए सुरक्षित और सरल बनाया जाएंगा। मोबाइल पेमेंट फोरम ऑफ इंडिया (एमपीएफआई) ऐसे ही कई सुविधाजनक फीचर लाने वाला है। एमपीएफआई के चेयरमैन गौरव रैना ने रविवार को कहा कि एमपीएफआई आवाज आधारित सत्यापन सहज तकनीक है। मोबाइल वॉलेट और मोबाइल बैंकिंग के जरिये लेनदेन जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसको देखते हुए यह बेहद जरूरी है। आवाज आधारित प्रमाणन के बारे में उन्होंने कहा ऐसा माना जा रहा है कि वित्तीय लेनदेन के संबंध में साक्षरता का एक तय स्तर है, लिहाजा हमारा उद्देश्य लेनदेन को हर स्तर पर आसान बनाना है।
उम्रदराज लोग भी अन्य किस्म की प्रौद्योगिकी के प्रति सहज नहीं हो सकते है। लिहाजा बैंकिंग में आवाज की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। ईआईटी मद्रास के प्रोफैसर रैना ने कि आने वाले महीनों में एसएमएस बैंकिंग के लिए संदेशों का फॉर्मेट आसान बनाने, नियर फील्ड कम्यूनिकेशन (एनएफसी), प्रॉक्सिमिटी पेमेंट आदि पर भी ध्यान दिया जाएंगा। इस फोरम का गठन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और बैंकिंग प्राद्योगिकी पर काम करने वाली हैदराबाद की संस्था इंस्टिटयूट फार डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलाजी ने मिल कर किया है।
एसएमएस की वित्तीय सेवा में जरूरत बनी रहेंगी
आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर रैना ने कहा कि हर किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है। नेटवर्क बेहतर हो रहा है पर यह कई बार खराब हो सकता है। लिहाजा एसएमएस कम से कम आधारभूत वित्तीय सेवाओं का एक माध्यम हो सकता है। इसे बढ़ावा देने और इसके मानकीकरण की जरूरत है। खाते की राशि संबंधी उद्देश्यों के लिए सभी बैंकों में एक मास्टरकोड का इस्तेमाल किया जा सकता है।