नई दिल्ली। स्विट्जरलैंड में इतना पैसे होने के कारण ये देश दुनिया के संपन्न देशों में शुमार है। आलम ये है कि वहां के नाले भी उसकी संपन्नता को बयां करते हैं। वहां के नालों में हर साल करोड़ों रुपए का सोना-चांदी बहा दिया जाता है। बता दें कि शोधकर्ताओं ने पिछले साल जलशोधन संयंत्रों से निकली गाद से तीन टन चांदी और 43 किलो सोना खोज निकाला था। इसकी कीमत 31 लाख डॉलर (करीब 20 करोड़ रुपए) आंकी गई। जानकारी के मुताबिक लोगों को नालों में सोना चांदी मिलने की जैसे ही सूचना लगी तो उन्होंने अपने घरों और आस-पास की नालियों की सफाई शुरू कर दी।
हालांकि इससे पहले ही शोधकर्ताओं ने साफ कर दिया कि ये धातुएं सूक्ष्म कणों के रूप में मिली है। जानकारों का मानना है कि ये संभवत घडिय़ों, दवा और रासायनिक कंपनियों से निकले हो सकते हैं। ये कंपनियां उत्पादों के निर्माण और प्रक्रिया में इन धातुओं का उपयोग करती है।
सरकार की ओर से कराए गए इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता बेस वेरिएन्स ने कहा कि आप ऐसे सनकी पुरुषों और महिलाओं के बारे में अक्सर ही सुनते होंगे जो अपने गहने टॉयलेट में फेंक देते है लेकिन हमें दुर्भाग्य से कोई अंगूठी भी नहीं मिली। सबसे ज्यादा सोना पश्चिमी स्विस क्षेत्र जुरा से पाया गया। माना जा रहा है कि इसका संबंध घड़ी निर्माता कंपनियों से है। ये कंपनियां महंगी घडिय़ों की सजावट में सोने का इस्तेमाल करती हैं।