मुंबई। रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा के तहत ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है। रेपो रेट अब 6.25 फीसदी से घटकर 6 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी से घटकर 5.75 हो गई है। सीआरआर 4 फीसदी पर बरकरार रखी गई है। महंगाई दर में कमी की वजह से ब्याज दर घटाई गई है। इससे अब आपकी ईएमआई घट सकती है। मौद्रिक नीति के ऐलान के बाद आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि जीएसटी और अच्छे मॉनसून की वजह से पिछले तीन महीने में महंगाई दर काफी घटी है।
कम होगा कर्ज का बोझ
रेपो रेट घटने से आम आदमी से लेकर कंपनियों पर कर्ज का बोझ कम हो जाएगा। रेपो रेट घटने से 20 साल के लिए 30 लाख रुपए के होम लोन पर आपको ब्याज के रूप में कुल मिलाकर 1.14 लाख रुपए कम चुकाने होंगे। इसका मतलब साफ है कि आपको इतने रुपए का फायदा होगा।
कर्ज माफी से वित्तीय घाटा बढ़ने का अनुमान
आरबीआई का वित्त वर्ष 2018 के लिए जीवीए अनुमान 7.3 फीसदी पर कायम है। आरबीआई का अनुमान है कि रिटेल महंगाई दर 4 फीसदी के आसपास रह सकती है। 18-24 महीने में रिटेल महंगाई दर 1 फीसदी बढ़ सकती है। आरबीआई के मुताबिक कर्ज माफी से वित्तीय घाटा बढ़ने का अनुमान है।
MPC के 4 सदस्य दरें घटाने के पक्ष में थे
रिजर्व बैंक के मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी के चार सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती करने के पक्ष में राय दी थी। जबकि, 2 सदस्यों ने इसके खिलाफ राय दी। एमपीसी की अगली बैठक 3 से 4 अक्टूबर को होगी।