मुंबई। स्नैपडील अब फ्लिपकार्ट का हो जाएगा। आॅनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील के बोर्ड ने फ्लिपकार्ट की ओर से पेश किए गए 900 से 950 मिलियन डॉलर पेशकश पर हामी भर दी है। अब दोनों कंपनियों के मर्जर होने का रास्ता साफ हो गया है। कंपनी ने यह आॅफर पिछले हफ्ते दिया था। हालांकि स्नैपडील के शेयरहोल्डर की ओर से अब इस डील को मंजूरी दिया जाना बाकी है। यह जानकारी बुधवार को इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने दी।
ठुकरा चुका है पहला आॅफर
इससे पहले फ्लिपकार्ट को स्नैपडील ने झटका दे दिया है। स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट के उस आॅफर को ठुकराया दिया है, जिसमें उसे खरीदने के लिए फ्लिपकार्ट ने 5500 करोड़ रुपए (80 से 85 करोड़ डॉलर ) की पेशकश की थी। स्नैपडील के बोर्ड को लगता था कि फ्लिपकार्ट उसका वैल्युएशन कम लगा रही है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक दोनों कंपनियों में बातचीत बिल्कुल बंद नहीं हुई थी।
हफ्तेभर के अंदर अधिग्रहण
इस मर्जर को सॉफ्टबैंक ने स्नैपडील में निवेश करने वाली दूसरी बड़ी कंपनी नेक्सस वेंचर्स पार्टनर (एनवीपी) ने अपनी हरी झंडी दे दी है। सॉफ्टबैंक ने कहा कि दोनों निवेशक कंपनियां इस बात पर राजी हो गई कि स्नैपडील को बेच दिया जाए। दोनों कंपनियां फ्लिपकार्ट के साथ इस हफ्ते भीतर टर्म शीट पर अपने दस्तखत करेंगी, जिसके बाद इसके अधार पर स्नैपडील को अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू होगी।
फाउंडर को मिलेंगे 2.5 करोड़ डॉलर
डील के मुताबिक, स्नैपडील के प्रत्येक फाउंडर को 2.5 करोड़ डॉलर मिलेंगे, वहीं नेक्सस को 10 करोड़ और कालारी को 7-8 करोड़ डॉलर मिलने की संभावना है। स्नैपडील का फरवरी 2016 में जो मूल्यांकन किया गया था, उसके मुताबिक कंपनी की कुल वैल्यूएशन 650 करोड़ डॉलर आंकी गई थी। अब इसकी वैल्यूएशन करीब 100 करोड़ डॉलर है।
100 करोड़ डॉलर का नुकसान
इससे पहले सॉफ्टबैंक ने कहा था कि पिछले वित्त वर्ष में उसे स्नैपडील के निवेश में 100 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। अभी सॉफ्टबैंक के पास कंपनी में 30 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं नेक्सस 10 फीसदी और कालारी के पास 8 फीसदी हिस्सेदारी है।