नई दिल्ली। दुनिया के 50 से अधिक मिड-लेवल रिटेलर्स अगले छह महीनों में भारत में अपना बिजनस शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इन रिटेलर्स की नजर ऐसे मार्केट्स पर है जिनका साइज ज्यादा बड़ा नहीं है और जहां अभी रिटेलर्स की कम मौजूदगी है। कोरेस, मिगातो, एविसु, वॉलस्ट्रीट इंग्लिश, पास्ता मेनिया, लश एडिक्शन, मेल्टिंग पॉट, योगर्ट लैब और मोनालिसा जैसे ये ब्रैंड्स 30.50 करोड़ डॉलर का कुल इन्वेस्टमेंट करेंगे और इनकी योजना लगभग 3,000 स्टोर्स खोलने की है।
इनमें से अधिकतर अमेरिका और सिंगापुर के हैं। इन ब्रैंड्स को भारत की बढ़ती इकनॉमी, खपत में वृद्धि, शहरी जनसंख्या में बढ़ोतरी और मिडल-क्लास के बढ़ने से अपने लिए काफी मौके दिखाई दे रहे हैं। इन 53 ब्रैंड्स को भारत में पार्टनर्स खोजने और रेग्युलेटरी क्लीयरेंस दिलाने में मदद कर रही फ्रेंचाइजी इंडिया होल्डिंग्स के चेयरमैन गौरव मार्या ने कहा देश में रिटेल सेक्टर में पहली लहर एक दशक पहले आई थी, जब बड़े ब्रैंड्स ने भारत में प्रवेश किया था। अब छोटे और मिड-लेवल ब्रैंड्स की बारी है।
ये ब्रैंड्स सरकार की उदार रिटेल पॉलिसी और ब्रैंड्स प्रॉडक्ट्स के लिए भारतीय मार्केट में अपार संभावनाओं से फायदा उठाना चाहते हैं। इन ब्रैंड्स में से 18 फूड एंड बेवरेज, 13 अपै्रल और 13 लाइफस्टाइल प्रॉडक्ट्स से जुड़े हैं। इसके अलावा कुछ ब्रांड एजुकेशन प्रॉडक्ट्स के हैं। एटी किअर्नी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरूआत में चीन को पीछे छोड़कर भारत दुनिया का सबसे आकर्षक रिटेल मार्केट बन गया था। ग्लोबल रिटेलर्स को अपने देशों के मार्केट्स में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और ऐसे में भारत उनके लिए कारोबार बढ़ाने का बड़ा जरिया साबित हो सकता है।
सरकार ने बिजनस-टु-बिजनस ई-कॉमर्स और भारत में बने फूड प्रॉडक्ट्स बेचने वाले रिटेलर्स के लिए 100 पर्सेंट मालिकाना हक की अनुमति दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैशलेस पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोशिशों और जीएसटी लागू होने से भी मॉडर्न रिटेल के बिजनेस में बढ़ोतरी होने की संभावना है।