नई दिल्ली। भारत के सबसे अमीर बिजनसमैन मुकेश अंबानी रिलायंस जियो के सहारे टेलीकॉम सेक्टर में खलबली मचाने के बाद फ्यूल रिटेल सेक्टर में भी ऐसा ही कुछ करने जा रहे हैं। सरकार के बुलावे पर रिलायंस इंटस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबनी और उनके ब्रिटिश पार्टनर बॉब डुडले (बीपी के सीईओ) गुरुवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिले।
मीटिंग में बीपी इंडिया के हेड शशि मुकुंदन भी मौजूद थे। दोनों कंपनियां भारत में आठ साल के गतिरोध के बाद गहरे समुद्र में गैस उत्खनन और उत्पादन में निवेश बहाल करने की मंशा रखती हैं। उल्लेखनीय है कि डुडले इससे पहले जनवरी 2015 में भारत आए थे। उनकी इस यात्रा के बाद भारत ने प्राकृतिक गैस कीमत फॉर्मूले में संशोधन किया और गहरे समुद्र और दुरुह क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए ऊंची दर तय की। हालांकि न तो अंबानी और न ही डुडले ने 80 मिनट की इस मुलाकात के बाद इसके बारे में कोई टिप्पणी की। अंबानी व डुडले दोनों ही उत्खनन क्षेत्र में निवेश बहाल करने से जुड़ी किसी भी तरह की घोषणा करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे।
केंद्र सरकार ने किया आमंत्रित
आरआईएल और बीपी को फ्यूल रिटेल सेक्टर में निवेश के लिए केंद्र सरकार ने आमंत्रित किया है। 2008 में जब क्रूड की कीमत 158 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई थी, तो आरआईएल ने अपने कई पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे। 2005 में कंपनी जब सबसे अच्छी स्थिति में थी तब फ्यूल रिटेल में कंपनी की हिस्सेदारी 12 फीसदी थी। अब जबकि फ्यूल के रेट हर दिन बदल रहे हैं, आरआईएल 10 फीसदी हिस्सेदारी पर नजर रखते हुए वापसी का प्रयास कर सकती है। बीपी रिलायंस के साथ मिलकर जॉइंट वेंचर बना सकता है ताकि सरकारी तेल कंपनियों के प्रभुत्व वाले मार्केट सेक्टर में अधिक से अधिक हिस्सेदारी हासिल कर सके। दोनों कंपनियों के पास सैटेलाइट हैं, केजी-डी6 ब्लॉक में उन्होंने आर सीरीज और डी-55 की खोज की है, जिसमें 2021 या 2022 से उत्पादन शुरू किए जाने की योजना है।
साल के अंत तक होगा निवेश
आरआईए और बीपी फिलहाल एमएम क्षेत्र में स्थित धीरुभाई-1 और 3 फील्ड से गैस का उत्पादन कर रहे हैं। इन क्षेत्रों से गैस का उत्पादन अप्रैल 2009 में शुरू हुआ और मार्च 2010 में इसने 6.943 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन का सर्वोच्च उत्पादन स्तर हासिल किया। हालांकि इसके बाद गाद सहित अन्य दिक्कतों के चलते एक के बाद एक कुएं बंद होते गए। इस समय ब्लॉक से दैनिक 87 लाख घन मीटर गैस का उत्पादन हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, आर-सीरीज के विकास और सैटेलाइट खोज की शुरुआत हो चुकी है और केजी डी-6 ब्लॉक में क्लस्टर फील्ड विकास के लिए इस साल के अंत तक निवेश योजना को लागू किया जा सकता है।