नई दिल्ली। रूरल हाउसिंग पर जोर देते हुए सरकार ने मार्च 2018 तक 51 लाख घर बनाने का टारगेट तय किया है। यह 2019 तक 1 करोड़ घर बनाए जाने के टारगेट का आधा है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत, सरकार कंस्ट्रक्शन में लगने वाले पहले के 18 महीने से 3 साल के समय को अब घटाकर 6-12 महीने करना चाहती है।
मकान के एरिया को भी बढ़ाया
घरों के बनने की खबर है और मार्च 2016 में खत्म हुए साल में बनाए गए घरों की संख्या 18 लाख रही है। पीएमएवाई-ग्रामीण को नवंबर 2016 में लांच किया गया था ताकि पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना के बदले इसे लागू किया जा सके। इसमें हर घर के लिए आवंटन की राशि को दोगुना कर दिया गया है और घर के एरिया को भी बढ़ा दिया गया है।
3 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य
हाल ही में सरकार ने सोशियो इकनॉमिक ऐंड कास्ट सेंसस डेटा 2011 के मुताबिक टोटल वंचित परिवारों में 3.92 करोड़ घरों का सर्वे किया है। इसमें पाया गया है कि 2.26 करोड़ परिवार इस स्कीम के हकदार हैं। सरकार ने अगले 7 साल में ग्रामीण गरीबों के लिए 3 करोड़ घर बनाने का टारगेट तय किया है।
आसान और तेज रफ्तार से हो वेरिफिकेशन
रिवाइज्ड स्कीम के तहत अब तक 10,000 घर बन चुके हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'हमारा फोकस कंस्ट्रक्शन में बड़ी तेजी लाना है और साथ ही यह पक्का करना है कि दिए जाने वाले पैसे का गलत इस्तेमाल न हो।' इस योजना में बन रहे घरों के कंस्ट्रक्शन के अलग-अलग चरणों के फोटोग्राफ्स को समय और तारीख के साथ अटैच किया जाएगा ताकि आसान और तेज रफ्तार से इनका वेरिफिकेशन हो सके।