नई दिल्ली। आयकर विभाग ने शुक्रवार को लोगों को 2 लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन के खिलाफ चेतावनी दी है। विभाग ने कहा कि राशि लेने वाले को राशि के बराबर रुपए पेनाल्टी के रूप में देने पड़ेंगे। आयकर विभाग ने लोगों से अपील भी की कि वे [email protected] पर एक ईमेल भेजकर इस तरह के लेनदेन की जानकारी दें।
वित्त अधिनियम 2017 के अंतर्गत सरकार ने 1 अप्रैल 2017 से 2 लाख रुपए या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया है। आयकर अधिनियम में हाल में सम्मिलित धारा 269ST एक दिन में दो लाख या उससे अधिक राशि के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाती है।
आयकर विभाग ने अखबारों में विज्ञापन जारी करके बताया कि धारा 269ST का उल्लंघन करने पर पूरी राशि का 100 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा।
2017-18 के बजट में, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 3 लाख से अधिक नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया था। वित्त विधेयक में संशोधन करके यह सीमा 2 लाख रुपए कर दी गई, जिसे मार्च में लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।
आयकर विभाग ने कहा कि यह प्रतिबंध सरकार, बैंकिंग कंपनी, डाकघर बचत बैंक या सहकारी बैंक द्वारा जारी किसी भी रसीद के लिए लागू नहीं होगा। एक सीमा से अधिक नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का उद्देश्य डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के अलावा काले धन को रोकने का है।