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आम लोगों के बजट पर भी असर डालेगा जीएसटी का ये असर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 1 2017 10:11AM | Updated Date: Jun 1 2017 1:25PM
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नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के बाद से कारोबारियों के अलावा आम लोगों के बजट पर भी असर पड़ेगा। बैंकिंग, इंश्योरेंस और रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड्स इन्वेस्टमेंट पर फिलहाल टैक्स की दर 15 पर्सेंट है। जीएसटी लागू होने के बाद इसमें 3 पर्सेंट का इजाफा हो जाएगा और यह रेट 18 फीसदी हो जाएगा। मुख्य तौर पर तीन तरह के इंश्योरेंस होते हैं। मौजूदा व्यवस्था में इन तीनों पर टैक्स की अलग-अलग दर लागू होती है। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज में अदा की जाने वाली प्रीमियम दो हिस्सों में अदा की जाती है, रिस्क कवरेज और सेविंग्स। इसमें से रिस्क कवरेज वाले हिस्से पर ही सर्विस टैक्स लगता है, जबकि सेविंग्स को इससे छूट मिलती है।
 
इंश्योरेंस पर टैक्स 
- पॉलिसी होल्डर की इच्छा के मुताबिक ग्रॉस प्रीमियम में से इन्वेस्टमेंट या सेविंग्स के हिस्से को कम किया जाएगा। उस पर ही जीएसटी लागू होगा।
- साल में एक बार ही जमा किए जाने वाले बीमा प्रीमियम पर 10 पर्सेंट चार्ज होगा।
- इसके अलावा अन्य सभी मामलों में पहले साल में प्रीमियम के 25 पर्सेंट और बाद के सालों में 12.5 पर्सेंट पर जीएसटी लागू होगा। इस तरह यदि अक्षय निधि योजना का प्रीमियम 100 रुपए आता है तो पहले उसके 25 पर्सेंट यानी 25 रुपए पर 18 फीसदी जीएसटी लागू होगा।
- यदि पॉलिसी होल्डर की ओर से प्रीमियम की पूरी राशि रिस्क कवर के लिए ही चुकाई जाती है तो पूरे प्रीमियम पर 18 पर्सेंट जीएसटी लागू होगा। 
 
3 पर्सेंट अधिक प्रीमियम देना होगा
आने वाले दिनों में जीएसटी लागू होने के बाद पॉलिसी होल्डर्स को अधिक राशि अदा करनी होगी। इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि 1 जुलाई के बाद पॉलिसी होल्डर्स को लाइफ, हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कवर पर 3 पर्सेंट अधिक प्रीमियम देना होगा। इंश्योरेंस बायर्स को ऐसी स्थिति में ही लाभ हो सकता है, जब कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट के फायदे उन्हें देने पर सहमत हों। इसी तरह से कार, हेल्थ और अन्य लाइफ इंश्योरेंस जैसी जनरल पॉलिसीज भी 3 फीसदी तक महंगी हो जाएंगी। इसका असर बहुत मामूली होगा, लेकिन मौजूदा और नए पॉलिसी होल्डर्स को अतिरिक्त राशि चुकानी होगी। 
 
बैंकिंग चार्ज में हो जाएगा इजाफा
जीएसटी की व्यवस्था के तहत सरकार ने वित्तीय सेवाओं को 18 पर्सेंट के टैक्स स्लैब में रखा है। इन सेवाओं पर अब तक 15 फीसदी टैक्स ही लगता था। अब इसमें तीन फीसदी इजाफे का मतलब है कि कस्टमर्स को प्रति 100 रुपए के बैंक चार्ज या फीस पर 3 रुपए अधिक चुकाना होगा। गौरतलब है कि हाल ही में एसबीआई ने कैश विदड्रॉल समेत तमाम तरह की सेवाओं पर चार्ज बढ़ाया है।
 
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