नई दिल्ली। रेलवे में एक बड़ा घपला सामने आया है। रेल मंत्रालय में अफसर रोजाना 10 हजार रुपए प्रति किलो की दर पर आईआरसीटीसी से दही खरीद रहे हैं, वहीं खाना बनाने के लिए जिस रिफाइंड तेल का इस्तेमाल अफसर कर रहे थे, उसको भी 1253 रुपए प्रति लीटर पर खरीदा गया। इस घोटाले के सामने आने के बाद तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और एक अधिकारी का तबादला कर दिया।
मध्य रेलवे के अधिकारियों ने इस दर पर इन सामान की खरीदी अपने सेंट्रल वेयरहाउस के लिए की थी। मध्य रेलवे के अफसरों ने आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बोस द्वारा जुलाई 2016 दायर की गई आरटीआई पर पहले तो किसी प्रकार का जवाब देने से इनकार कर दिया, लेकिन बाद में अपील के जरिए रेलवे अफसरों ने जो तथ्य सामने रखे, उससे किसी के होश उड़ जाएं। इस बात का खुलासा खुद रेलवे ने एक आरटीआई के जरिए किया है।
इस दर पर खरीदा गया था सामान
रेलवे ने आईआरसीटीसी से जिस दर पर सामान खरीदा था, उसमें तुवर और मूंग दाल 157 रुपए प्रति किलो, चिकन 233 रुपए प्रति किलो, नमक 49 रुपए प्रति किलो और पानी की बोतल 59 रुपए प्रति बोतल शामिल है। इन सामान के अलावा बेसन और टिश्यू पेपर की खरीद भी काफी ज्यादा दाम पर की गई थी।
क्या है मसला?
दरअसल, अजय बोस ने पिछले साल आरटीआई के जरिए रेलवे से कुछ जानकारियां मांगी थीं। मसलन, खाने का सामान आदि किस कीमत पर खरीदा जा रहा है लेकिन इसका उन्हें जवाब नहीं मिला। इस पर उन्हें दो बार अपील करनी पड़ी। इसके बाद उन्हें रेलवे की ओर से जवाब तो दिया गया लेकिन यह हैरान कर देने वाला था। जवाब में बताया गया कि सेंट्रल रेलवे का कैटरिंग डिपार्टमेंट सौ ग्राम दही 972 रुपए और एक लीटर रिफाइंड तेल 1241 रुपए में खरीदता है। यह सामान वहां की ट्रेनों और बेस किचन के लिए सप्लाई किया जाता है।
रेलवे की ओर से आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार खरीदे गए सामान की दरें इस तरह बताई गईं। 58 लीटर रिफाइंड तेल - 72,034 रुपये (1241 रुपए प्रति लीटर), टाटा नमक के 150 पैकेट - 2670 रुपए (49 रुपए प्रति पैकेट), पानी की बोतल और कोल्ड ड्रिंक - 59 रुपए प्रति बोतल।