मुंबई। बिक्री के लिहाज के देश की चौथी बड़ी दवा कंपनी अरविंदो फार्मा ने आयात शुल्क बढाने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के मद्देनजर अब इंजेक्शन के जरिए दी जाने वाली दवाओं का उत्पादन अमेरिका में ही करने की योजना बनाई है।
अरविंदो फार्मा की आधे से अधिक आमदनी अमेरिकी कारोबार से होती है। वह वहां एचआईवी,एड्स, एंटी बैक्टिरिया से लेकर सीजोफ्रेनिया की दवाएं बेचती हैं। फिलहाल न्यूजर्सी में उसकी एक दवा फैक्ट्री हैं, जहां टैबलेट का उत्पादन होता है लेकिन अमेरिका में अधिकतर दवा आपूर्ति वह भारत की छह फैक्ट्रियों में बनी दवाओं के जरिए ही करती है।
संरक्षणवादी नीति के पैरोकार अमेरिकी राष्ट्रपति ने दवा कंपनियों से कहा है कि वे अधिक से अधिक दवाएं स्थानीय स्तर पर बनाएं ताकि दवा की कीमतें कम की जा सकें। उन्होंने साथ ही सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें आगाह भी किया कि वे आयात पर सीमा कर के रुप में जुर्माना भी लगा सकते हैं। उनके इस बयान का आयात आधारित उद्योगों ने काफी विरोध किया है।
ट्रंप की इस टिप्पणी से भारत की दवा कंपनियां परेशानी में आ गई हैं। दरअसल अमेरिका में बिकने वाली 30 प्रतिशत दवाओं की आपूर्ति भारतीय दवा कंपनियां करती हैं। भारतीय दवा कंपनियों का कुल कारोबार करीब 15 अरब डॉलर का है।