नई दिल्ली। बैंकों की ट्रेड यूनियनों के एक वर्ग ने 7 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। बैंक कर्मचारियों ने नोटबंदी की अवधि के दौरान लगाए गए अंकुशों को हटाने तथा भारतीय रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को संरक्षित रखने की अपनी मांग के समर्थन में हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा ऐसी उम्मीद थी कि सरकार और रिजर्व बैंक बैंकों और जनता के समक्ष आ रही दिक्कतों को हल करने के लिए कदम उठाएंगे, लेकिन अभी भी नकदी संकट की स्थिति बनी हुई है। बैंकों में नकदी की कमी है। इस वजह से बैंक 24,000-1,00,000 रूपए के अंकुश वाली निकासी सीमा को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
एआईबीईए के अलावा ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) तथा बैंक इम्पलाइज फेडरेशन आफ इंडिया भी हड़ताल में शामिल होंगी। यूनियनों की यह भी मांग है कि एक करोड़ रूपए या अधिक की रिण चूक वालों के नाम प्रकाशित किए जाएं और डूबे कर्ज की वसूली के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।