नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी का ऐलान किए जाने के बाद हुए घटनाक्रमों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के कर्मचारी अपमानित महसुस कर रहे हैं। कर्मचारियों ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को चिट्ठी लिखकर अपना विरोध जताया है। चिट्ठी में कहा गया है कि कुप्रबंधन से आरबीआई की छवि और स्वायत्तता को इतना नुकसान पहुंचा है जिसे दुरुस्त करना मुश्किल है।
क्या-क्या लिखा है पत्र में
पत्र में नोटबंदी लागू करने में कुप्रबंधन और सरकार के दखल का विरोध किया गया है।
लिखा गया है, इस कुप्रबंधन से आरबीआई की छवि और स्वायत्तता को इतना नुकसान पहुंचा है कि उसे दुरूस्त करना काफी मुश्किल है
मुद्रा प्रबंधन के आरबीआई के विशेष कार्य के लिए वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति को कर्मचारियों ने जबरदस्त अतिक्रमण बताया है।
रिजर्व बैंक की दक्षता और स्वतंत्रता वाली छवि उसके कर्मचारियों के दशकों की मेहनत से बनी थी, लेकिन इसे एक झटके में ही खत्म कर दिया गया।
RBI की स्वायत्तता को पहुंची ठेस
कर्मचारियों ने 13 जनवरी को चिट्ठी में लिखा है कि नोटबंदी के परिचालन में कुप्रबंधन और केंद्र सरकार द्वारा करेंसी संयोजन के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति करना RBI की स्वायत्तता को ठेस पहुंचाना है, जिसका विरोध किया जाता है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक ऑफिसर्स एंड एम्प्लाइज ने कहा कि RBI की स्वतंत्र और दक्षता यहां के कर्मचारियों की दशकों मेहनत के बाद बनी थी, जिसे एक झटके में खत्म कर दिया गया।
ऑल इंडिया रिजर्व बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के समीर इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि हमने उर्जित पटेल से अपील की है कि आरबीआई की स्वायत्तता को सुरक्षित रखें और वित्तमंत्रालय के दखल को फौरन हटाने के लिए जरूरी फैसले लें।