नई दिल्ली। निजी क्षेत्र की कंपनियों को समान अवसर मुहैया कराने के लिए रेलवे अनुबंध प्रबंधन प्रणाली को सरल करने पर विचार कर रही है। इसके तहत रेलवे का इरादा नियमों में बदलाव करने तथा निविदा प्रक्रिया में एंड टू एंड आईटी आधारित निर्णय प्रक्रिया को पेश करने का है। रेलवे के वित्त आयुक्त एस मुखर्जी ने यहां सीआईआई के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा सरकार चाहती है कि कारोबार करने की स्थिति सुगम हो। इसके लिए अनुबंध प्रबंधन प्रणाली को सरल करने की जरूरत है।
इसके अलावा नियमों को इस तरह लागू करने की जरूरत है जिससे सभी को समान अवसर मिलें और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। सीआईआई के कार्यक्रम भारतीय रेलवे में अनुबंध प्रबंधन-वैश्विक मानदंडों की ओर रख’ को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा रेलवे और सीआईआई ने एक साथ मिलकर कार्यशाला का आयोजन किया है
जिससे अनुबंध प्रबंधन के लिए बेहतर प्रणाली ढूंढी जा सके, जिससे बुनियादी ढांचा विकास प्रधानमंत्री की सोच के अनुरूप तेजी से बढ़ सके। रेलवे हर साल कार्य और आपूर्ति अनुबंधों के लिए अनुबंध के भुगतान के लिए एक लाख करोड़ रूपए खर्च करती है। इनमें राजस्व रखरखाव और निर्माण परियोजनाएं दोनों आती हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कि एक व्यावहारिक और स्वीकार्य अनुबंध प्रबंधन प्रणाली नहीं जो दोनों पक्षों के लिए उचित हो, नहीं होगी, तब तक इतने विशाल नेटवर्क कार्यक्रम जिसमें निजी क्षेत्र की भारी भागीदारी की जरूरत है, को आसानी से क्रियान्वित नहीं किया जा सकता।