नई दिल्ली। देश भर में करीब एक सौ हवाई अड्डों का संचालन करने वाली सरकारी कंपनी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की 979 एकड़ से ज्यादा जमीन पर अतिक्रमण हो गया है जिससे प्राधिकरण को सालाना करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। एएआई नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीनस्थ है। मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश के 25 हवाई अड्डों पर उसकी 979.11 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हो गया है। इस कारण वह इन जमीनों का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा। इनमें कुछ जमीनें तो मुंबई और अहमदाबाद जैसे शहरों में हैं जहाँ जमीन की कीमत करोड़ों में हैं।
मध्य प्रदेश के सतना में प्राधिकरण की जमीन पर सबसे ज्यादा अतिक्रमण हुआ है। वहाँ 341.93 एकड़ जमीन पर अवैध निर्माण हो गया है। राज्य की राजधानी भोपाल में भी प्राधिकरण की 106.76 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हो गया था, लेकिन उसने पिछले साल जून में मध्य प्रदेश सरकार को अवैध कब्जे वाली जमीन देकर बदले में उससे भोपाल हवाई अड्डे के पास 96.56 एकड़ जमीन ले ली। उसका दावा है कि अदला-बदली की गयी जमीनों की कीमत बराबर है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई हवाई अड्डे के पास एएआई की 308 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण हो गया है। इस जमीन की कीमत कई करोड़ है। मुंबई के ही जुहू में भी प्राधिकरण की 38.15 एकड़ जमीन अवैध कब्जे में है। हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे के पास उसकी 114 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। राजस्थान के कोटा में उसकी 47.63 एकड़, बिहार के गया में 30.23 एकड़ और महाराष्ट्र के शोलापुर में 22.39 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल के कोलकाता, मालदा और नीलगंज, असम के गुवाहाटी, अरुणाचल प्रदेश के तेजू, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और लखनऊ, मध्य प्रदेश के खजुराहो, हिमाचल प्रदेश के शिमला, गुजरात के अहमदाबाद और बड़ौदा, महाराष्ट्र के दहिसर, कोल्हापुर और नागपुर, आँध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम्, तेलंगाना के नादिरगुल और वारंगल तथा कर्नाटक के हुबली हवाई अड्डों पर भी उसकी जमीनें अतिक्रमण का शिकार हैं।