नई दिल्ली। वित्तीय संकट में घिरी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की बड़ी संख्या में रद्द हो रही उड़ानों और बाजार में क्षमता में अचानक आयी कमी को भुनाने के लिए स्पाइसजेट ने 16 बोइंग विमान पट्टे पर लेने का फैसला किया है। वित्तीय संकट से पहले यात्रियों की संख्या के लिहाज से जेट एयरवेज की बाजार हिस्सेदारी 13 से 15 प्रतिशत के बीच थी और अब यह बेहद कम रह गयी है। अन्य विमान सेवा कंपनियाँ उड़ानों की कमी की खाई को भरकर बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा जमाने की ताक में हैं।
इसी क्रम में किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट ने शुक्रवार को बताया कि वह सोलह बोइंग 737-800एनजी विमान पट्टेदारों से (ड्राई लीज) लंबी अवधि के लिए किराये पर लेगी। उसने विमानों के आयात के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए नागर विमानन महानिदेशालय के पास आवेदन दिया है। एयरलाइंस ने बताया कि नये विमान 10 दिन के भीतर उसके बेड़े में शामिल हो जायेंगे।
स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा ‘‘कंपनी पहली बार अपने बेड़े में इन विमानों को शामिल कर रही है। बाजार में सीट किलोमीटर क्षमता में अचानक आयी गिरावट से देश के विमानन क्षेत्र में चुनौतिपूर्ण स्थिति बन गयी है। स्पाइसजेट क्षमता बढ़ाने और यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।’’