नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रावधान सख्त करते हुए बुधवार को कई कदम उठाए। इन पर उन कंपनियों के उत्पादों की बिक्री करने से रोक लगा दी गई है, जिनमें इनकी हिस्सेदारी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी उत्पाद विशेष को केवल व केवल अपने मंच से बिक्री का अनुबंध करने से भी रोक दिया है। मंत्रालय ने कहा ऐसी कोई भी इकाई जिनपर ई-कॉमर्स कंपनी या उसके समूह की किसी कंपनी का नियंत्रण हो या उनके भंडार में ई-कॉमर्स कंपनी या उसके समूह की किसी कंपनी की हिस्सेदारी हो, तो वह इकाई संबंधित ऑनआॅनलाइन मार्केटप्लेस (मंच) के जरिए अपने उत्पादों की बिक्री नहीं कर सकेंगी।
मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा मार्केटप्लेस की समूह कंपनियों द्वारा खरीदारों को दिए जाने वाले कैशबैक भेदभाव से रहित तथा उचित होने चाहिए। अधिसूचना में यह भी कहा गया कि इन कंपनियों को हर साल 30 सितंबर तक पिछले वित्त वर्ष के लिए दिशा-निदेर्शों के अनुपालन की पुष्टि को लेकर विधिवत नियुक्त अपने लेखा-परीक्षक की रिपोर्ट के साथ एक प्रमाण-पत्र रिजर्व बैंक के पास जमा कराना होगा। मंत्रालय ने कहा कि ये बदलाव फरवरीए 2019 से प्रभावी होंगे। ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को भारी छूट दिए जाने के खिलाफ मंत्रालय ने घरेलू कारोबारियों की आपत्तियों के मद्देनजर ये निर्णय लिए हैं। सरकार ने ई-वाणिज्य मंच का परिचालन करने वाली कंपनियों में शत प्रतिशत विदेशी हिस्सेदारी की छूट दे रखी है, पर वे माल की इन्वेंट्री (खुद का स्टाक) बना कर उसका बिक्री अपने मंच पर नियमत: नहीं कर सकती हैं।