त्रिपोली। लीबिया की राजधानी त्रिपोली में विभिन्न हथियारबंद गुटों के बीच जारी हिंसा के चलते वहां फंसे 135 प्रवासियों को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय(यूएनएचसीआर)के राहत एवं बचाव दल ने हेलीकाप्टर के जरिए निकाल कर नाइजर भेजा है।
जिन प्रवासियों को बचाया गया है उनमें से अधिकांश खराब सेहत और कुपोषण से ग्रस्त हैं और ये कई महीनों तक लीबिया के सुधार केंद्रों में रखे गए थे। लीबिया में यूएनएचसीआर प्रमुख रॉबेर्टो मिगनोन ने कहा, लीबिया के सुधार केंद्रों में बंधक के तौर पर रहे इन शरणार्थियों के लिए यह कार्रवाई उनके जीवन को बदलने वाली और जीवन रक्षक हैं। उन्होंने कहा कि लीबिया में शरणार्थियों और प्रवासियों को घिनौने हालात में रखा जाता था और उन पर हमेशा मानव तस्करों को बेचे जाने का खतरा मंडराता रहता था।
लीबिया में जून के बाद से यह पहला बचाव अभियान है और दिसम्बर 2017 तक निकाले गये प्रवासियों और शरण चाहने वालों की कुल संख्या 1997 हो गई है। यूएनएचसीआर द्वारा जारी एक बयान में कहा, संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी ( आईओएम ) की सहायता से सीरिया, सूडान और एरिट्रिया से 85 अन्य शरणार्थियों को भी इसी तरह निकाला गया और ये लोग नॉर्वे जाने से पहले कुछ दिन यूएनएचसीआर के आपातकालीन पारगमन केन्द्र में बिताएंगे। यूएनसीएचआर ने लीबिया छोड़ कर आने वाले शरणार्थियों को शरण देने की पेशकश संबंधी सभी देशों के प्रस्तावों का स्वागत करते हुए इस प्रक्रिया को तेज करने का आग्रह किया है।