नई दिल्ली। भारत सरकार ने पाकिस्तान में अपने हाई कमीशन में काम कर रहे सभी राजनयिकों से कहा है कि वो अपने बच्चों को वहां के स्कूलों से निकाल लें और या तो उन्हें भारत में पढ़ाएं या किसी अन्य देश में। भारत ने पाकिस्तान को 'नो स्कूल-गोइंग मिशन' वाले देशों की कैटेगरी में रख दिया है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अब इस नियम से पोस्टिंग के लिए जाने वाले अफसर अपने बच्चे साथ नहीं ले जा सकेंगे। अगर कोई पाकिस्तान की पोस्टिंग मांगता है तो उसे इस नियम का पालन करना पड़ेगा।
माना जा रहा है कि आतंकी हमले, किडनैप और कश्मीर हिंसा से दोनों देशों के बीच फिर से तल्खी के कारण यह फैसला लिया गया है। बता दें कि पाकिस्तना के पेशावर स्कूल में 2014 में हुए आतंकी हमले में 148 छात्रों की जान गई थी।
पाकिस्तान के पिछले शैक्षणिक सत्र में करीब 50-60 छात्र पाकिस्तान स्थित इंटरनेशनल स्कूलों में पढ़ रहे थे। भारत सरकार का फैसला मौजूदा सत्र से प्रभावी होगा। फिलहाल वहां गर्मियों की छुट्टी चल रही है और अगले महीने से स्कूल खुलेंगे।
जून, 2015 में लिया था फैसला
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि देश के बाहर के स्टाफ से जुड़ी नीतियों की समय-समय पर समीक्षा होती है, खासकर उन देशों के हालात को देखकर। प्रवक्ता ने ये भी कहा कि ये फैसला जून, 2015 में ही ले लिया गया था, ताकि कर्मचारियों को अपने बच्चों के लिए इंतजाम करने का काफी वक्त मिले।