हांगकांग। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भले ही भारत शामिल ना हो सका हो। लेकिन उसे मिलने वाले अन्य देशों के समर्थन से चीन सरकार बेहद नाराज है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने एनएसजी में बातचीत में अहम भूमिका निभाने वाले विदेश मंत्रालय के हथियार नियंत्रण विभाग के प्रमुख वांग कुन को हटा दिया है। उन्हें इसलिए हटाया गया है क्योंकि वांग एनएसजी में भारत के खिलाफ कई देशों का समर्थन जुटाने में नाकाम रहे थे।
हेग इंटरनेशनल कोर्ट है चीन की चिंता
इस पूरे घटनाक्रम के बाद चीन की प्रमुख चिंता है कि एनएसजी में मिली असफलता का असर हेग इंटरनेशनल कोर्ट में फिलीपींस की तरफ से दायर केस पर न पड़े।
चीन क्यों कर रहा था विरोध
चीन का कहना था कि वह गैर परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) सदस्यों को एनएसजी में शामिल करने के खिलाफ है। हालांकि, चीन का असली मकसद पाकिस्तान को एनएसजी में शामिल करने का था। चीन ने कहा था कि अगर भारत को एनएसजी सदस्यता मिल सकती है तो पाकिस्तान को क्यों नहीं। इसलिए वह बार-बार भारत के खिलाफ रोड़ा अटका रहा था।
कोर्ट का फैसला भारत के लिए भी महत्वपूर्ण
पेइचिंग की चिंता है कि भारत यूनाइटेड नेशंस के हेग इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले का हवाला दे सकता है। एनएसजी में भारत को सदस्यता न मिले इसके लिए खुद चीन ने यही कदम भारत के खिलाफ उठाया था।