वाशिंगटन। ओबामा प्रशासन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल में समाप्त हुई अमेरिका यात्रा को 'ऐतिहासिक' करार देते हुए भारत-अमेरिका संबंधों के उनके दृष्टिकोण को 'मोदी सिद्धांत' का नाम दिया है। साथ ही कहा है कि इस सिद्धांत ने 'इतिहास की हिचकिचाहट ' को दूर किया है और यह संबंध वैश्विक कल्याण के लिए काम कर रहा है।
दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, 'इस सप्ताह की यात्रा और इससे पहले किए गए वर्षों के प्रयास से मेरे दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण परिणाम के रूप में वह स्पष्ट एवं दमदार दृष्टिकोण आता है जिसे अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने तैयार किया।'
निशा ने कहा, 'इस दृष्टिकोण को मैं मोदी सिद्धांत कहती हूं। इसने एक विदेश नीति तैयार की, जिसने इतिहास की हिचकिचाहट को दूर किया और दोनों देशों एवं हमारे साझा हितों के बीच समानता को गले लगाया।'
निशा ने गुरुवार को यहां 'मोदी यात्रा के सुरक्षात्मक एवं रणनीतिक परिणाम' विषय पर चर्चा के दौरान यह बात कही। इस चर्चा का आयोजन एक अमेरिकी थिंक टैंक 'हेरीटेज फाउंडेशन' और नई दिल्ली के एक थिंक टैंक 'द इंडिया फाउंडेशन' ने किया था।
प्रधानमंत्री मोदी का साहसिक दृष्टिकोण
निशा ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण में भारत-अमेरिका की साझीदारी के अपने साहसिक दृष्टिकोण को सामने रखा। यह एशिया से लेकर अफ्रीका और हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक शांति, समृद्धि एवं स्थिरता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इसके साथ ही कॉमर्स के लिए समुद्री मार्गों की सुरक्षा एवं नौवहन की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।