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भारत ने ब्रह्मोस बेचने की कोशिशें की तेज, चीन मान सकता है बुरा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 9 2016 8:27PM | Updated Date: Jun 10 2016 10:31AM
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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच देशों की यात्रा का सबसे बड़ा लाभ रक्षा उद्योग को मिलने वाला है। भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) पाने के करीब है। यह कामयाबी भविष्य में भारत को दुनिया में मिसाइल और अन्य घातक हथियारों के सबसे बड़े खरीदार से विक्रेता की श्रेणी में लाकर खड़ा करेगी। इससे भारत मिसाइल बेचकर अरबों रुपये कमाएगा।

बदल रहा है भारत का रक्षा दृष्टिकोण
परमाणु हथियार कार्यक्रम के चलते दशकों तक अंतरराष्ट्रीय अलगाव के बाद भारत निर्यात पर ध्यान लगाने की नीति अपना पाया है। इसी हफ्ते पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा की वाशिंगटन मुलाकात के बाद भारत के मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में शामिल हुआ है। ब्रह्मोस की 290 किमी की दूरी तक की मारक क्षमता है। भारत के मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था  में शामिल होने से उसके दूसरी अप्रसार समूह एनएसजी (न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप) में शामिल होने की संभावना को बल मिला है जबकि चीन उसका प्रभावी विरोध करता आ रहा है।

सबसे तेज मिसाइल

03 गुना ज्यादा तेज ध्वनि की गति से ब्रह्मोस मिसाइल
15 देश मिसाइल ब्रह्मोस मिसाइल पाने की कतार में
05 देशों को (वियतनाम सहित) बिक्री के लिए तैयारी तेज
30 लाख डॉलर की कम कीमत में तैयार होती है ब्रह्मोस
द. अफ्रीका, चिली, ब्राजील और इंडोनेशिया भी खरीदार

अंतरिक्ष का भी बड़ा खिलाड़ी होगा भारत
अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में एमटीसीआर की सितंबर में तय बैठक से पहले ही भारत को इसमें शामिल करने की तैयारी है, ताकि एनएसजी का सदस्य बनने में मदद मिले। इससे भारत मिसाइल, ड्रोन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़ी उच्चस्तरीय तकनीक हासिल हो सकेगी। कम लागत में सैटेलाइट, मंगलयान और नेवीगेशन सिस्टम तैयार कर भारत ताकत पहले ही दिखा चुका है।

अब चीन की आशंकाओं से प्रभावित नहीं होगा भारत
भारत के पास 2011 से हनोई की ब्रह्मोस खरीदने का आवेदन पड़ा है।  लेकिन चीन आवाज की गति से तीन गुना तेज और दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को अस्थिरता पैदा करने वाले हथियार के तौर पर देखता है। भारत इसी के मद्देनजर चीन की नाराजगी की आशंका के चलते हनोई के साथ सौदा करने से हिचकता रहा है।

आतंकवाद पर पाक की घेराबंदी
1. अफगानिस्तान

ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिये भारत अफगान बाजार में पहुंचेगा
1700 करोड़ के मैत्री बांध ने अफगानिस्तान में भारत की उजली छवि मजबूत की
पड़ोसी मुल्क से प्रायोजित आतंकवाद से लड़ने का दोनों देशों ने संकल्प लिया

2. कतर
आतंकवाद और धन शोधन रोकथाम पर कतर से करार हुआ
300 अरब डॉलर के रिजर्व फंड वाला कतर भारत में निवेश बढ़ाएगा
6.3 लाख प्रवासी भारतीयों की दिक्कतें दूर करने का भरोसा दिया कतर ने

3. स्विट्जरलैंड
एनएसजी के लिए स्विट्जरलैंड ने भारत को बिना शर्त समर्थन दिया
काले धन पर समय पूर्व सूचना के आदान-प्रदान पर राजी हुआ स्विट्जरलैंड
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता आगे बढ़ेगी

4. अमेरिका
आतंकवाद पर पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की रणनीति मजबूत हुई
एनएसजी समेत हथियार नियंत्रण के चार क्लबों में भारत को समर्थन मिला
आंध्र में छह परमाणु रिएक्टरों का काम शुरू करेगी वेस्टिंगहाउस कंपनी

5. मैक्सिको
परमाणु अप्रसार विरोधी मैक्सिको ने एनएसजी के लिए भारत को समर्थन दिया
मैक्सिको ने उसकी ऊर्जा कंपनियों में निवेश-हिस्सेदारी को सहमति दी
विशेषाधिकार से रणनीतिक साझेदारी बदलेंगे रिश्ते, आतंकवाद पर कड़ा प्रहार

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