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स्वदेशी रक्षा उत्पादन में बढ़ोत्तरी : पर्रिकर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 11 2016 2:32PM | Updated Date: Mar 11 2016 2:34PM
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नई दिल्ली। सरकार ने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अधिक से अधिक रक्षा उपकरणों का भारत में निर्माण किया जाना सरकार का मुख्य ध्येय है और मोदी शासन के पहले वर्ष में भारतीय विक्रेताओं को दिए गए आर्डर में 13 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।

लोकसभा में फिरोज वरूण गांधी के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वर्ष 2012..13 के दौरान रक्षा उपकरणों की खरीद में वास्तविक व्यय 58,768 करोड़ रूपए रहा जिसमें भारतीय विक्रेताओं को 32,455 करोड़ रूपये (55.23 प्रतिशत) के आर्डर दिये जबकि विदेशी विक्रेताओं को 26,313 करोड़ रूपये (44.77 प्रतिशत) आर्डर दिए गए।

वर्ष 2013..14 के दौरान रक्षा उपकरणों की खरीद में वास्तविक व्यय 66850 करोड़ रूपए रहा जिसमें भारतीय विक्रेताओं को 31768 करोड़ रूपए (47.53 प्रतिशत) के आर्डर दिए जबकि विदेशी विक्रेताओं को 35,082 करोड़ रूपए (52.47 प्रतिशत) आर्डर दिये गए।
 
वर्ष 2014..15 के दौरान रक्षा उपकरणों की खरीद में वास्तविक व्यय 65582 करोड़ रूपए रहा जिसमें भारतीय विक्रेताओं को 40,589 करोड़ रूपए (61.89 प्रतिशत) के आर्डर दिए जबकि विदेशी विक्रेताओं को 24,992 करोड़ रूपए (38.11 प्रतिशत) आर्डर दिये गए। रक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2015..16 के दौरान विदेशी विक्रेताओं तथा भारतीय विक्रेताओं को दिए गए आर्डर के संबंध में रक्षा पूंजीगत अधिग्रहण पर व्यय समेकित नहीं किया गसया है।
 
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा सेनाओं के लिए पूंजीगत अधिप्राप्तियां, रक्षा अधिप्राप्ति प्रक्रिया से प्रारंभ होती है जिसमें 15 वर्षीय दीर्घावधिक एकीकृत संदर्शी योजना, पंचवर्षीय सेना पूंजीगत अधिग्रहण योजना तथा वार्षिक अधिग्रहण योजना शामिल है। दीर्घावधिक एकीकृत संदर्शी योजना 2012 से 2027 में परिचालित है।
 
पर्रिकर ने कहा कि दीर्घावधिक एकीकृत संदर्शी योजना में वैमानिकी, मिसाइलों, युद्ध सामग्रियों, युद्धक वाहनों तथा इंजीनियरी जैसे प्रौद्योगिकी क्षेत्र शामिल हैं और परियोजनाओं में चल रही वचनबद्धताओं को आगे बढ़ाने को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को 2015..16 में राजस्व मद में आवंटन 6011.06 करोड़ रूपये और पूंजीगत आवंटन 6480 करोड़ रूपए था। 2016..17 में संगठन को 6,728.05 करोड़ रूपए और पूंजीगत आवंटन 6865.73 करोड़ रूपए था।
 
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