नई दिल्ली। भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी एक फरवरी से ब्रूनेई और थाइलैंड की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे, जिसमें दोनों दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर काम किया जाएगा। विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) अनिल वाधवा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उप राष्ट्रपति बू्रूनेई के युवराज हाजी अल-मुहतादी बिलाह के निमंत्रण पर वहां जा रहे हैं।
यह मई, 1984 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से किसी भारतीय उप राष्ट्रपति की पहली ब्रूनेई यात्रा होगी। वाधवा ने कहा कि अंसारी अपनी इस यात्रा के दौरान सुल्तान हसनल बोल्कैया और बिलाह के साथ नागरिक उड्डयन, अंतरिक्ष, व्यापार और निवेश, हाइड्रोकार्बन, सूचना और संचार समेत द्विपक्षीय और बहुपक्षीय महत्व के मुद्दों पर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि एजेंडे में आसियान में सहयोग और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन भी शामिल हैं।
अंसारी की यात्रा के दौरान स्वास्थ्य और रक्षा सहयोग पर कुछ एमओयू पर दस्तखत भी किये जा सकते हैं। वह यूनीवर्सिटी आॅफ ब्रूनेई दारसलाम में संबोधन देंगे और भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे। ब्रूनेई में करीब 10000 भारतीय प्रवासी हैं और इनमें से अधिकतर डॉक्टर और शिक्षक हैं। वाधवा ने कहा कि देश आसियान में भारत का महत्वपूर्ण सहयोगी देश है और कच्चे तेल तथा पेट्रोलियम पदार्थों का निर्यात करता है। ब्रूनेई से अंसारी तीन फरवरी को थाइलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा के निमंत्रण पर वहां जाएंगे।
यह 50 साल के बाद किसी भारतीय उप राष्ट्रपति की पहली थाइलैंड यात्रा होगी। अंसारी थाइलैंड में चान-ओ-चा से बातचीत करेंगे। वह बैंकॉक में चुलालोंगकर्ण यूनीवर्सिटी में लुक ईस्ट पर भाषण देंगे और थाइलैंड में भारतीय राजदूत द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। वाधवा के अनुसार अंसारी की इस यात्रा में उनके साथ एक राज्यमंत्री, चार सांसदों और वरिष्ठ अधिकारियों का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा।