नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को अचानक पाकिस्तान पहुंचने के पीछे की असली की कहानी क्या है? यह अब जाहिर है कि मोदी ने सुबह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन करके जन्मदिन की बधाई दी थी। जवाब में शरीफ ने काबुल से लौटते समय उनसे लाहौर में दोपहर का भोज करने को कहा और मोदी ने उनका आग्रह मान लिया।
बहरहाल इससे परे जो कहानी सामने आई है, उसमें सूत्र बताते हैं कि पूरी मुलाकात के पीछे भारतीय उद्योगपति सज्जन जिंदल हैं। गौरतलब है कि मोदी-नवाज की पहले हो चुकी दो मुलाकातों में भी जिंदल की भूमिका रही थी। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी जिंदल की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा है कि मोदी की यात्रा पहले से ही प्रस्तावित थी। एक भारतीय कारोबारी (सज्जन की ओर इशारा) पाकिस्तान में मौजूद हैं। वे ही ये मुलाकात करा रहे हैं।
जिंदल ने किया ट्वीट
सज्जन जिंदल ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘लाहौर में हूं... पीएम नवाज शरीफ को उनके जन्मदिन की बधाई देने के लिए..!’ इसके बाद जिंदल ने लाहौर के 1880 में बने एक ऐतिहासिक होटल की फोटो भी ट्वीट की, जिसमें अलामा इकबाल, दिलीप कुमार, मोहम्मद रफी और जुल्फिकार अली भुट्टो जैसी हस्तियों की तस्वीरें दिख रही हैं।
काठमांडू में भी कराई थी भेंट
पत्रकार बरखा दत्त ने अपनी नई किताब में खुलासा किया है कि उद्यमी सज्जन जिंदल ने काठमांडू के एक होटल में 26 या 27 नवंबर, 2014 को नवाज-मोदी के बीच मीटिंग कराई थी। तब दोनों नेता सार्क समिट में हिस्सा लेने के लिए काठमांडू गए थे। इसके बाद दिल्ली में मोदी के शपथ ग्रहण के बाद सज्जन ने ही शरीफ के लिए चाय पार्टी दी थी। वह शरीफ के बेटे हुसैन को लंच के लिए दिल्ली में एक होटल में लेकर भी गए थे।
जिंदल का शरीफ कनेक्शन
करीब तीन हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक सज्जन जिंदल इस्पात निर्माण और बिजली उत्पादन के क्षेत्र में बड़ा नाम हैं। वह जेएसडब्ल्यू स्टील के चेयरमैन हैं। अफगानिस्तान से सड़क के रास्ते लौह अयस्क पाकिस्तान के बंदरगाहों तक लाया जाता है। वहां से सज्जन की कंपनी पश्चिम और दक्षिण भारत के बंदरगाहों तक लौह अयस्क को लाती है। एक खबर यह भी है कि हुसैन शरीफ और उनकी बहन मरियम स्टील इंडस्ट्री स्थापित करने के इच्छुक हैं, जिसके चलते सज्जन जिंदल उनके करीबी हैं।