नई दिल्ली। केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी लाया जा सकता है सीएए के खिलाफ़ प्रस्ताव। यह बात सीएम ममता बनर्जी ने खुद कहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार अगले तीन-चार दिनों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेगी।
खबर के अनुसार, उन्होंने अन्य राज्यों, खासकर पूर्वोत्तर के राज्यों से भी ऐसे प्रस्ताव पारित करने की अपील की। ममता ने मीडिया से कहा, 'हम तीन महीने पहले एनआरसीए के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित कर चुके हैं। अगले तीन-चार दिनों में हम सीएए के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित करेंगे।'
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई वाली केरल सरकार और पंजाब की कांग्रेस सरकार भी सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुकी है और इस विवादास्पद कानून को खत्म करने की मांग कर रही है। पिछले महीने संसद में पारित सीएए के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में सताए गए हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों, पारसियों, जैन और बौद्ध संप्रदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।
सीएए इसी महीने 10 तारीख को लागू किया गया है। इस कानून के पारित होने के बाद से ही इसे संविधान के विरुद्ध, धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला कानून बताते हुए इसके खिलाफ देशभर में हजारों छात्र, सामाजिक कार्याकर्ता, भाजपा विरोधी राजनीतिक दल और आम आदमी सड़कों पर उतर आए हैं।