नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के दाषियों की पुनर्विचार याचिका उच्चतम न्यायालय में खारिज होने के बाद इन्हें फांसी देने में हो रही देरी के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है।
ईरानी ने सवाल किया कि आप सरकार के अंतर्गत आने वाला जेल विभाग नौ जुलाई 2018 को मामले में दोषियों की पुनर्विचार याचिका को उच्चतम न्यायालय के खारिज किये जाने के बाद ‘सो’ रहा था क्या? उन्होंने आप सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘‘सरकार ने नाबालिग दोषी को रिहा किये जाने के बाद उसे 10,000 रुपये और सिलाई किट क्यों दिया? क्या उन्होंने निर्भया की मां के आंसू नहीं देखे?’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मैं आम आदमी पार्टी से कहना चाहती हूं कि पुनर्विचार याचिका के खारिज होने के बाद आपकी वजह से दोषियों को समय पर फांसी नहीं दी जा सकी। ऐसी पार्टियों को शर्म आनी चाहिए- यह सिर्फ मेरी पार्टी के विचार नहीं बल्कि कानून का पालन करने वाले देश के प्रत्येक नागरिक के यही विचार हैं।’’
गौरतलब है कि निर्भया बलात्कार मामले में चारों गुनाहगारों का शुक्रवार को नया डेथ वारंट जारी किया गया। चारों को एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जायेगी। पटियाला हाउस अदालत ने आज निर्भया मामले पर सुनवाई करते हुए नया डेथ वारंट जारी किया। इसके मुताबिक चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दी जाएगी। इससे पहले चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी। इस मामले के एक दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति राम नाथ कोंिवद ने आज ही खारिज की है। मुकेश की दया याचिका खारिज होने के बाद प्रक्रिया के तहत नया डेथ वारंट जारी करना पड़ा और फांसी की तिथि भी आगे बढ़ानी पड़ी।