जालंधर। पंजाब में लगभग नौ वामदलों ने वीर सावरकार को भारत रत्न देने की मांग का विरोध किया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बंत सिंह बराड़, आरएमपीआई के मंगत राम पासला, एसपीआईएलएलडी के दर्शन सिंह खट्टकड़, सीपीआईएमएल के गुरमीत बखतपुरा, लोग संग्राम मंच की ओर से साथी तारा सिंह मोगा, इंकलाबी लोग मोर्चा की तरफ से साथी लाल सिंह गोलेवाला, इंकलाबी केंद्र पंजाब, इंकलाबी लोकतांत्रिक मोर्चा, मार्क्स साम्यवादी पार्टी यूनाइटेड के साथी मंगत राम लोंगोवाल ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए को बहाल करवाने के लिए आज यहां देश भगत यादगार हाल में एक बैठक जिसमें कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केन्द्र सरकार लोगों पर अत्याचार कर रही है।
उन्होंने आरएसएस भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने, हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा बनाने और सावरकार को भारत रत्न देने के फैसले की निंदा की। नेताओं ने इस मौके पर कहा कि इन फासीवादी करतूतों ने आज कश्मीरी लोगों को ओर भी दूर धकेल दिया है। कश्मीर एक खुली जेल बन चुका है और स्थिति सुधरने के सभी दावे थोथे और भ्रामक साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के विरुद्ध विशाल एकजुटता करने के लिए नौ जत्थेबंदियों ने 22 नवंबर को दिन में 11 बजे देश भगत यादगार हाल जालंधर में एक सांझी प्रांतीय कन्वेन्शन करने का फैसला किया है जिसमें संघर्ष को तीव्र और तेज़ करने के लिए फैसले लिए जाएंगे।