नई दिल्ली। देश में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए पिछले एक साल के दौरान फसलों की 18 बायोफोर्टिफाइड किस्मों समेत कुल 223 नई किस्में विकसित की गयी है । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने परिषद के 91 वें स्थापना दिवस के अवसर पर यह जानकारी दी । फसलों की पैदावार बढाने के लिए पिछले एक साल के दौरान 1.5 लाख क्विंटल प्रजनक बीज राज्यों को उपलब्ध कराये गये हैं । सोयाबीन की एक नयी किस्म का विकास किया गया है जिसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन है ।
इस दौरान क्वालिटी प्रोटीन मेज का भी विकास किया गया है जिसमें विटामिन ए भी है । यह मक्का वजन बढाने में कारगर भूमिका निभाता है । सब्जियों की 35 किस्मों का विकास किया गया है और अमरुद एवं केला के निर्यात के लिए पैकेजिंग प्रोटोकाल का विकास किया गया है । महापात्रा ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर कालीमिर्च की पैदावार के लिए नये क्षेत्रों को खोजा जा रहा है । इस दौरान पशुधन के 15 नये नस्लों तथा 184 देसी नस्लों का भी निबंधन किया गया है । पशुओं के मुंहपक खुरपक बीमारी तथा वर्ड फ्लू से मुक्ति के प्रयास किये जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि देश में 104 कृषि स्टर्ट अप कार्य कर रहे हैं ।