वाशिंगटन। सीआईए ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में अल-कायदा फिर से अपने पैर फैला सकता है जबकि वहां मौजूद कुछ आतंकवादी संगठनों के लिए इस्लामिक स्टेट एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभर रहा है। इस सप्ताह के शुरआत में सीआईए के निदेशक जॉन ब्रेनन ने खुफिया मामलों की सीनेट की प्रवर समिति के सदस्यों से कहा फगान और पाक साझेदारों के साथ काम करते रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के पूर्वी भागों में अल-कायदा के करीब 100 सदस्य हैं।
वहां अल-कायदा के नेताओं ने क्षेत्र में तालिबान समेत कुछ अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ हाथ मिलाया है। ब्रेनन ने कहा इसलिए उन्होंने अफगानिस्तान के अंदर अपना व्यापार जारी रखा है। सीनेटर डिआने फेनस्टिन के एक सवाल का जवाब देते हुए ब्रेनन ने कहा कि आईएसआईएस तालिबान के अंदर के उन कुछ तत्वों का लाभ लेने में सक्षम है जिनका संगठन से मोहभंग हो गया है। उन्होंने कहा इसलिए जब दो महीने पहले मैं अफगानिस्तान की यात्रा पर गया था तब अफगान के अधिकारी आईएसआईएल को एक खतरे के रूप में देख रहे थे।
उनकी एक वास्तविक चिंता यह थी कि आईएसआईएल अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में अपने पैर जमा रहा है और उसे अब वहां मौजूद कुछ आतंकवादी संगठनों के लिए प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा शायद अफगानिस्तान के अंदर आईएसआईएल के सैकड़ों सदस्य मौजूद हैं। ऐसा मुझे अनुमान है। वहां उन्हें कुछ रूकावटों का सामना करना पड़ा रहा है क्योंकि वे वहां के कुछ अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ हैं। लेकिन यह एक चिंता का विषय है।