गुवाहाटी। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम में जारी हिंसा और प्रदर्शन के दो दिन गुजर जाने के बाद आम जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य जरुर हो रहे हैं लेकिन इंटरनेट पर पाबंदी के कारण एटीएम और अन्य ऑनलाइन डिजीटल सेवाएं प्रभावित होने से लोग एक तरह से ‘डिजीटल डार्कनेस’ के साये में रह रहे हैं। गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में शनिवार को कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दिये जाने के साथ नजदीकी एटीएम में रूपये निकालने के लिए लोग कतार में लग गये, लेकिन ज्यादातर लोगों को खाली हाथ अपने घरों को लौटना पड़ा। बहुत से एटीएम में पैसे ही नहीं थे, क्योंकि लगातार कर्फ्यू के कारण बैंक इन एटीएम में पैसे नहीं डाल सका था।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केवल भारतीय स्टेट बैंक जैसे अग्रणी बैंकों का अपना नेटवर्क है और वे इंटरनेट के बगैर काम कर सकते हैं, लेकिन इसके भी सीमित विकल्प हैं। अन्य एटीएम इंटरनेट पर निर्भर हैं। गुवाहाटी निवासी एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘हम ‘डिजीटल डार्कनेस’ में रह रहे हैं। यह स्थिति तभी सामान्य हो सकेगी, जब सरकार पहले इंटरनेट पर लगाये गये पाबंदी हटा ले। इंटरनेट पर पाबंदी से सभी वर्ग के लोग प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित हैं।’’