नई दिल्ली। शशि थरूर ने कहा कि संसद में विधेयक का पारित होना निश्चित तौर पर महात्मा गांधी के विचारों पर मोहम्मद अली जिन्ना के विचारों की जीत होगी। धर्म के आधार पर नागरिकता देने से भारत 'पाकिस्तान का हिंदुत्व संस्करण' भर बनकर रह जाएगा। भाजपा सरकार एक समुदाय को निशाना बना रही है और दूसरे धर्मों की तुलना में उस समुदाय के लोगों की उन्हीं स्थितियों में उत्पीडऩ पर उन्हें शरण नहीं दे रही है। अगर विधेयक को संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया भी जाता है तो मुझे विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट की कोई भी बेंच भारत के संविधान की मूल भावना का घोर उल्लंघन नहीं होने देगी।
यह सरकार का शर्मनाक काम है जिसने पिछले वर्ष राष्ट्रीय शरणार्थी नीति बनाने पर चर्चा करने से इंकार कर दिया, जिसे मैंने निजी सदस्य विधेयक के तौर पर प्रस्तावित किया था और तत्कालीन गृह मंत्री, गृह राज्यमंत्री और गृह सचिव के साथ निजी तौर पर शेयर किया था। विधेयक पर कांग्रेस के रुख के बारे में पूछने पर थरूर ने कहा कि हालांकि मैं पार्टी का आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हूं, लेकिन मुझे विश्वास है कि कांग्रेस में हम सब मानते हैं कि नागरिकता संशोधन विधेयक न केवल संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत प्राप्त समानता और धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं करने की मूल भावना के खिलाफ है बल्कि भारत की अवधारण पर भी हमला है।