गुरुग्राम। कुछ दिनों पहले गुरुग्राम में हुई फायरिंग के दौरान स्थानीय अदालत के एक न्यायाधीश का बेटा घायल हो गया था। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज सबेरे उसने दम तोड़ दी। ध्रुव बीते 10 दिनों से अस्पताल में भर्ती था और डॉक्टरों ने उसे मानसिक तौर पर मृत घोषित कर रखा था। आपको बता दें कि फायरिंग में घायल जज की पत्नी पहले ही मर चुकी हैं। अस्पताल के सूत्रों से मिली खबर में बताया गया है कि ध्रुव के परिवार वालों ने उसके शारीरिक अंगों को दान करने का फैसला किया है।
जज के सुरक्षाकर्मी महिपाल ने 13 अक्टूबर को गुरुग्राम के भीड़भाड़ वाले इलाके में जज की पत्नी और बेटे पर गोली चलाई थी। इस हमले के बाद जज की पत्नी रितु (45) उसी दिन अस्पताल में मौत हो गई थी, जबकि गंभीर रूप से जख्मी बेटे ध्रुव का इलाज चल रहा था। ध्रुव ने आज सुबह करीब चार बजे आखिरी सांस ली। जज कृष्णकांत अपने बेटे ध्रुव के अंगों को दान करने का फैसला किया है।
जज की पत्नी की मौत की वजह ज्यादा खून बहना बताया गया था। उनके सीने पर गोलियां लगी थीं, जबकि ध्रुव को सिर में गोली मारी गई थी। डॉक्टरों ने उसे 'ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था और उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था, जिसके बाद मंगलवार सुबह ध्रुव ने आखिरी सांस ली। मसलन उसकी मौत हो गई।